बिहार में राष्ट्रीय जनता दल का झगड़ा सिर्फ कांग्रेस के साथ नहीं है, बल्कि कम्युनिस्ट पार्टियों और साथ साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा से भी है। जेएमएम और राजद में तो जम कर जुबानी जंग हो रही है। दोनों पार्टियों के प्रवक्ता एक दूसरे के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं। जेएमएम के नेता और राज्य सरकार के मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके राजद पर ‘धूर्तता’ का आरोप लगाया। इस पर राजद के नेता भी भड़के हुए हैं। असल में कुछ दिन पहले ऐलान किया गया था कि जेएमएम को महागठबंधन में शामिल किया जा रहा है। राहुल और तेजस्वी की वोटर अधिकार यात्रा के समापन पर पटना में आयोजित मार्च में हेमंत सोरेन शामिल हुए थे।
कहा जा रहा था कि महागठबंधन में जेएमएम को दो सीटें मिलेंगी। लेकिन ऐन मौके पर राजद ने गच्चा दे दिया। उसने जेएमएम के लिए एक भी सीट नहीं छोड़ी। नाराज होकर जेएमएम ने छह सीटों पर लड़ने का ऐलान किया। हालांकि बाद में उनको लगा कि नहीं लड़ कर कांग्रेस और राजद पर ज्यादा दबाव बनाया जा सकता है इसलिए उसने उम्मीदवार नहीं उतारे। जेएमएम का कहना है कि पिछले साल विधानसभा में बडा दिल दिखाते हुए हेमंत सोरेन ने राजद को छह सीटें दी थीं, जबकि उनका सिर्फ एक विधायक था। उस एक विधायक को भी हेमंत ने 2019 से 2024 तक लगातार कैबिनेट मंत्री बना कर रखा था। जेएमएम के नेता मान रहे हैं कि राजद का यादव वोट जेएमएम को नहीं मिलता है। यादव मतदाता राजद को तो वोट दे देते हैं लेकिन जहां जेएमएम या कांग्रेस से लड़ाई होती है वहां भाजपा के साथ चले जाते हैं। तभी ऐसा लग रहा है कि बिहार के झगड़े का कुछ न कुछ राजनीतिक असर झारखंड में देखने को मिलेगा।
