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सहकारिता में लौटे अजित पवार का दबदबा

Ajit Pawar

Nandurbar [Maharashtra], Nov 11 (ANI): Maharashtra Deputy CM and NCP chief Ajit Pawar during a public meeting in support of the NCP candidate from Nawapur Assembly Constituency, Bharat Gavit for the state Assembly elections, in Nandurbar on Monday. (ANI Photo)

महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार की ताकत दिन ब दिन बढ़ रही है। वे 40 साल के बाद सहकारिता की राजनीति में लौटे हैं। अजित पवार ने आखिरी बार 1984 में बारामती में सहकारिता का चुनाव लड़ा था। उसके बाद अब उन्होंने मालेगांव सहकारी चीनी मिल संगठन का चुनाव लड़ा। इसमें वे अध्यक्ष के पद पर लड़े थे और सभी 21 पदों के लिए उनका पैनल चुनाव लड़ा था। उनका पैनल 20 सीटों पर जीता है। वे अध्यक्ष पद का चुनाव लगभग 90 फीसदी वोट लेकर जीते हैं। उनके चाचा शरद पवार ने अध्यक्ष पद के लिए तो उम्मीदवार नहीं उतारा था लेकन बाकी पदों पर उनकी ओर से भी उम्मीदवार दिए गए थे।

उनके पोते और पिछले बार अजित पवार के खिलाफ चुनाव लड़े युगेंद्र पवार को शरद पवार ने इस चुनाव में लगाया था। लेकिन उनका एक भी उम्मीदवार नहीं जीत पाया। पूरे पैनल में एकमात्र उम्मीदवार जो अजित पवार के पैनल से बाहर का था वह भाजपा का था। विधानसभा की राजनीति में शरद पवार को हाशिए पर पहुंचाने और उनकी पार्टी कब्जा करने के बाद अजित पवार ने सहकारिता की राजनीति में भी चाचा को मात दी है। हालांकि कई जानकार मान रहे हैं कि शरद पवार ने जोर नहीं लगाया। लेकिन सवाल है कि क्या वे अब जोर लगाने की स्थिति में रह गए हैं? उनकी शारीरिक और राजनीतिक दोनों सेहत काफी कमजोर हो गई है। सो, वे भले अभी अपनी पार्टी के विलय को रोक रहे हैं लेकिन देर सबेर उनकी पार्टी का विलय अजित पवार की पार्टी के साथ होना ही है।

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