महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन यानी महायुति में सब कुछ यकीनन ठीक नहीं है। चाहे कितना भी कहा जाए लेकिन मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे में तनातनी चल रही है। अब खबर है कि शिंदे ने अपनी पार्टी के सभी मंत्रियों से कहा है कि वे अपने मंत्रालय की फाइलें पहले उनके यहां भेजें। यह विशुद्ध रूप से प्रोटोकॉल का उल्लंघन है। उप मुख्यमंत्री का ऐसा कोई प्रोटोकॉल नहीं है कि फाइलें उसके यहां भेजी जाएं। दूसरे उप मुख्यमंत्री अजित पवार के यहां अगर किसी मंत्रालय की फाइल जाती है तो उसका कारण यह है कि अजित पवार राज्य के वित्त मंत्री हैं। सो, सभी विभागों को अपने एजेंडे पर वित्त विभाग की मंजूरी लेनी होती है। एकनाथ शिंदे के साथ ऐसी कोई जरुरत नहीं है।
फिर भी उन्होंने अपने मंत्रियों के लिए निर्देश जारी किया और उनकी पार्टी के कोटे के नौ मंत्रियों ने उनको फाइलें भेजनी शुरू कर दीं। इन मंत्रियों की फाइल एकनाथ शिंदे की मंजूरी के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस को भेजी जाती हैं। लेकिन जैसे ही इस बात की खबर मुख्यमंत्री फड़नवीस को लगी उन्होंने तत्काल निर्देश जारी किया कि किसी भी मंत्री की फाइल उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के यहां नहीं जाएगी। अब शिंदे की पार्टी के मंत्रियों की स्थिति सांप छुछुंदर वाली है। वे न तो मुख्यमंत्री के निर्देश की अनदेखी कर सकते हैं और न अपने नेता की बात से इनकार कर सकते हैं। इस मामले में गतिरोध बना हुआ है। यह पता नहीं है कि एकनाथ शिंदे पार्टी सुप्रीमो होने की वजह से अपने मंत्रियों की फाइल देख रहे हैं या उप मुख्यमंत्री के नाते दूसरे मंत्रालयों की फाइल देखना अपना अधिकार समझ रहे हैं?