केरल में मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने बच्चों के मोटापे और उनके अंदर बढ़ते अवसाद की खबरों को गंभीरता से लिया और उनके स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए राज्य के स्कूलों में जुम्बा क्लासेज शुरू करने का फैसला किया। उनकी सरकार ने हेल्थ एक्टिविटी के तौर पर जुम्बा क्लास करवाना चाहती है। यह एक किस्म का एक्सरसाइज है, जो पश्चिमी डांस मूव्स पर आधारित होता है। दिल्ली और दूसरे महानगरों में गली गली में जिम की तरह जुम्बा क्लासेज के बोर्ड लगे दिखाई देते हैं। महिला और पुरुष सब इसमें हिस्सा लेते हैं। लेकिन मुख्यमंत्री का य़ह आइडिया राज्य के मुस्लिम नेताओं को पसंद नहीं आया है। उन्होंने इसका विरोध शुरू कर दिया है।
यह ठीक वैसे ही जैसे स्कूलों में बच्चों के पौष्टिक आहार के रूप में अंडा दिए जाने का विरोध हिंदू नेता करते हैं। उसी अंदाज में मुस्लिम नेताओं ने इसे धर्म, संस्कृति, परंपरा, नैतिकता आदि से जुड़ दिया है। उनको लग रहा है कि इससे अनैतिकता फैलेगी और सामाजिक व पारिवारिक मूल्यों पर खतरा पैदा हो जाएगा। कमाल की जहालत है। राज्य के एक जाने माने मौलाना अब्दुल समद पूक्कोत्तोर ने कहा है कि जुम्बा छात्रों के नैतिक जीवन के लिए अच्छा नहीं है। एक दूसरे मौलाना नजर फैजी कूडथाई को इसमें अश्लीलता दिख रही है और उन्होंने कहा है कि बच्चों को इसकी शिक्षा नहीं दी जानी चाहिए। कांग्रेस की सहयोगी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के प्रदेश अध्यक्ष पीके नवास ने भी इसका विरोध किया है और फैसला रोकने को कहा है।