ऐसा लग रहा है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हर उस बात के लिए राजी हो रहे हैं, जिसका पहले वे विरोध करते थे। उन्होंने विधानसभा में खड़े होकर कहा था कि उनकी सरकार किसी कीमत पर मुफ्त में बिजली नहीं देगी। लेकिन पिछले दिनों उन्होंने स्वंय 124 यूनिट बिजली फ्री करने का ऐलान किया। उनकी मुफ्त बिजली की योजना दिल्ली से अलग है। दिल्ली में ज्यादा बिजली इस्तेमाल करने वालों को इसका फायदा नहीं मिलता है लेकिन बिहार में सबको इसका फायदा मिल रहा है। अब नीतीश कुमार बिहार में केंद्रीय विद्यालय खोलने पर भी राजी हो गए हैं। पहले उन्होंने इस प्रस्ताव का यह कहते हुए विरोध किया था कि बिहार में जमीन नहीं है।
गौरतलब है कि उपेंद्र कुशवाहा 2014 से 2019 के बीच केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री थे। उस समय उन्होंने बिहार में कई केंद्रीय विद्यालय खुलवाने का प्रस्ताव मंजूर कराया था। लेकिन नीतीश कुमार ने इसके लिए मना कर दिया था। उन्होंने कहा था कि बिहार सरकार केंद्रीय विद्यालय खोलने के लिए जमीन नहीं देगी। नीतीश सरकार की ओर से कहा गया था कि अगर केंद्रीय विद्यालय खोलना है तो स्वतंत्र रूप से जमीन खरीदनी होगी। बाद में दो केंद्रीय विद्यालय के लिए उपेंद्र कुशवाहा धरने पर भी बैठे थे। लेकिन अब जमीन के मामले में भी नीतीश उदार हो गए हैं। वे खुले दिल से जमीन बांट रहे हैं। पिछले दिनों भागलपुर में पावर प्लांट के लिए अडानी समूह को भी सरकार ने सैकड़ों करोड़ रुपए की जमीन एक रुपए में दी और अब केंद्र सरकार ने बिहार के 16 जिलों में 19 केंद्रीय विद्यालय की मंजूरी दी है। अब राज्य सरकार इसके लिए जमीन देगी।