बिहार के मुख्यमंत्री महिलाओं को सशक्त बनाने की अपनी योजनाओं के लिए जाने जाते हैं। वे देश के पहले मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए 50 फीसदी का आरक्षण दिया। स्कूल जाने वाली बच्चियों के लिए साइकिल और पोशाक की उनकी योजना ने लाखों युवा लड़कियों का भविष्य संवारा। कुछ दिन पहले उन्होंने सरकारी नौकरियों में 35 फीसदी आरक्षण स्थानीय महिलाओं के लिए सुनिश्चित किया। लेकिन अब वे इससे आगे निकल कर महिलाओं और युवाओं के बीच नकद पैसे बांट रहे हैं। उन्होंने महिलाओं और युवाओं के हाथ में सीधे नकदी पहुंचाने की कई योजनाओं का ऐलान किया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बेरोजगारी भत्ते के तौर पर युवाओं को हर महीने एक हजार रुपए देने का ऐलान किया है। ग्रेजुएट बेरोजगारों को दो साल तक हर महीने एक हजार रुपए मिलेंगे। इसके अलावा 12वीं पास करने के बाद जो युवक कहीं काम नहीं कर रहे हैं उनको भी एक हजार रुपया महीना दिया जाएगा। महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की घोषणा हुई है, जिसकी पहली किस्त नवरात्री के पहले दिन यानी 22 सितंबर को महिलाओं के खाते मे ट्रांसफर होगी। इसमें हर परिवार की एक महिला को 10 हजार रुपए की मदद दी जाएगी, जो उन्हें वापस नहीं करनी है। उनसे उद्यम की योजना का प्रस्ताव मांगा गया है, जो स्वीकार हुआ तो उनको दो लाख रुपए की अतिरिक्त मदद मिलेगी। युवाओं और महिलाओं के अलावा अलग अलग समूहों के लिए हर दिन नई योजना घोषित हो रही है। रविवार को मुख्यमंत्री ने विकास मित्रों को टैबलेट के लिए 25 हजार और शिक्षा सेवकों को स्मार्ट फोन के लिए 10 हजार देने का ऐलान किया है।