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असली मनोरंजन तो संसद में है!

parliament budget session

parliament budget session : भाजपा और शिव सेना के नेता और सोशल मीडिया का पूरा इकोसिस्टम कुणाल कामरा के पीछे पड़ा है। सब उनसे माफी मंगवाने पर तुले हैं उन्होंने अपने पैरोडी सॉन्ग से एकनाथ शिंदे का अपमान किया है।

इस बात पर भी बहस हो रही है कामरा ने जो किया वह कॉमेडी है या नहीं। एक वर्ग है, जिसका मानना है कि यह कॉमेडी नहीं सत्य है, जो कामरा ने सत्ता के सामने बोलने की हिम्मत दिखाई। दूसरा वर्ग ऐसा है, जो मान रहा है कि यह न तो कॉमेडी है और न सत्य है, यह एक व्यक्ति की कुंठा है।

एक तरफ यह बहस चल रही है और दूसरी ओर संसद का बजट सत्र चल रहा है। अगर सत्र की कार्यवाही में नेताओं के बयान को ध्यान से देखा, सुना जाए तो असली मनोरंजन तो वहां दिखाई देगी। (parliament budget session)

ध्यान रहे सांसदों को संसद की कार्यवाही के दौरान कुछ भी बोलने की आजादी होती है और संसद से बाहर इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकती है। लेकिन सुन कर आनंद तो लिया ही जा सकता है।

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मोदी पिछले जन्म में छत्रपति शिवाजी महाराज

जैसे औरंगजेब की कब्र हटाने के लिए विहिप और बजरंग दल के प्रदर्शन और नागपुर दंगों के एक दिन बाद मंगलवार, 18 मार्च को ओडिशा की बारगढ़ सीट से भाजपा के सांसद प्रदीप पुरोहित ने संसद में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले जन्म में छत्रपति शिवाजी महाराज थे

। पुरोहित ने कहा कि उनके क्षेत्र में पड़ने वाले गंधमर्दन पर्वत पर रहने वाले एक संत ने उनको बताया था कि मोदी ही मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी थे। (parliament budget session)

कुछ लोगों ने इस बात सदन में विरोध जताया लेकिन उनको इसकी बजाय कायदे से उन महान संत की सेवा अन्य लोगों के पिछले जन्म की जानकारी के लिए लेनी चाहिए।

इसी तरह सोमवार, 24 मार्च को लोकसभा में बजट पर चर्चा के दौरान भाजपा के सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि देश के विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है और विपक्षी पार्टियां अब भी औरंगजेब में उलझी हुई हैं। (parliament budget session)

भारतीय रेल की तुलना पाकिस्तान से (parliament budget session)

निश्चित रूप से विपक्षी पार्टियों के सांसद उनका मुंह देख रहे होंगे और यह सवाल पूछ रहे होंगे कि, हम औरंगजेब में उलझे हैं या आपकी पार्टी ने सबको मुगल शासकों के इतिहास में उलझा रखा है। लेकिन कोई कर भी क्या सकता है, ‘बुत हमको कहें काफिर अल्लाह की मर्जी है’!

ऐसे ही मणिपुर के बजट पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मणिपुर में करीब दो साल से चल रहे जातीय हिंसा के बारे में कहा कि अस्सी के दशक में कांग्रेस ने मणिपुर की अनदेखी की थी और कांग्रेस पूरी तरह से विफल रही थी। (parliament budget session)

सोचें, दो साल से लोग समझ ही नहीं रहे थे कि क्यों मणिपुर का संकट चल रहा है। अब पता चला है कि अस्सी के दशक की कांग्रेस की विफलता के कारण अब दो साल से जातीय हिंसा चल रही है और सारी ताकत लगा कर भी केंद्र सरकार उसको रोक नहीं पा रही है।

इससे भी मजेदार बात रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहीं। वे अक्सर मजेदार बातें ही करतें हैं लेकिन उन्होंने संसद में चर्चा के दौरान भारतीय रेल की तुलना श्रीलंका, पाकिस्तान और बांग्लादेश से की।

देश के नादान लोग जापान, चीन, दक्षिण कोरिया जैसे रेलवे चाहते हैं। उनको पता होना चाहिए कि भारत की रेल श्रीलंका, पाकिस्तान, बांग्लादेश से बेहतर है। ऐसे ही एक दिन अचानक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी संसद में 14 मिनट बोले। (parliament budget session)

उन्होंने महाकुंभ के सफल आयोजन पर अपनी बात रखी और महाकुंभ की तुलना 1857 की  क्रांति और महात्मा गांधी के दांडी मार्च से की। कई दिन बीत जाने के बाद भी इस बात का आनंद अभी तक कायम है।

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