प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना का पता नहीं कितना लाभ हुआ है लेकिन अब राजनीति में नेता अपने परिवार की महिलाओं को आगे बढ़ाने लगे है। पहले बड़े नेता अपने घर के पुरुषों को को दूसरे के घरों की महिलाओं को आगे बढ़ाते थे लेकिन अब अपने परिवार पर ही ज्यादा फोकस हो गया है। हाल के दिनों में कई राजनीतिक परिवारों की महिलाएं सक्रिय राजनीति में आई हैं। उन्होंने चुनाव लड़ा है। झारखंड में हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन और दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल मिसाल हैं, जिन्हें अपने पति के जेल जाने पर राजनीति की कमान संभाली। अभी हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खु की पत्नी कमलेश ठाकुर भी चुनाव लड़ कर विधायक हो गई हैं। लेकिन इसी बीच और भी महिलाएं सक्रिय हुई हैं, जिनकी ज्यादा चर्चा नहीं हो रही है।
महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को राज्यसभा में भेज दिया है। प्रफुल्ल पटेल की खाली हुई राज्यसभा सीट से वे संसद के उच्च सदन की सदस्य बनी हैं। उनके चाचा शरद पवार ने अपनी बेटी सुप्रिया सुले को काफी पहले नेता बना दिया था। लेकिन ध्यान रहे सुप्रिया उनकी इकलौती संतान हैं। दूसरी ओर अजित पवार के बेटे भी राजनीति में सक्रिय हैं लेकिन उन्होंने पत्नी को दिल्ली भेजा। इसी तरह इस बार के लोकसभा चुनाव में हरियाणा के चौधरी देवीलाल के परिवार की दो महिलाएं आपस में ही टकरा गईं। देवीलाल के पोते अजय चौटाला की पत्नी और हरियाणा की विधायक नैना चौटाला हिसार सीट से चुनाव मैदान में उतरीं तो देवीलाल के दूसरे पोते अभय चौटाला की पत्नी सुनैना चौटाला ने उनको चुनौती दी। हालांकि दोनों चुनाव हार गए। इस बार दोनों विधानसभा का चुनाव लड़ सकते हैं। अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव कई बार की सांसद हैं तो सुखबीर बादल की पत्नी हरसिमरत कौर भी कई बार से लोकसभा सदस्य हैं। अब प्रियंका गांधी वाड्रा भी केरल की वायनाड सीट से लड़ेंगी और लोकसभा सदस्य बनेंगी।