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जाति से आगे नहीं बढ़ते हैं नेता

सेना

भारत के नेता किसी भी घटनाक्रम को और किसी भी व्यक्ति को जाति के चश्मे से ही देखते हैं। कई मौके पर खास कर सेना से जुड़े घटनाक्रम में आम नागरिक जाति का भेद भूल जाते हैं लेकिन नेता तब भी नहीं भूलते हैं। वे तब भी जाति के हिसाब से ही काम करते हैं।

आतंकवादियों के खिलाफ सैन्य अभियान ऑपरेशन सिंदूर के बाद अनेक नेताओं ने जाति और धर्म के आधार पर खूब राजनीति की। बिहार के निर्दलीय सांसद हैं पप्पू यादव वे पूर्णिया में भारत के वायु सेना के एय़र मार्शल अवधेश भारती के घर गए। सोचें, एयर मार्शल का नाम अवधेश भारती है लेकिन पप्पू यादव ने वहां जाकर यह देश को बताया कि वे यादव समाज के हैं। पप्पू यादव ने एयर मार्शल अवधेश भारती के पिता जीवछलाल यादव का नाम पूरे देश को बताया।

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सेना में जाति राजनीति का मामला

समाजवादी पार्टी के पढ़े लिखे नेता प्रोफेसर रामगोपाल यादव एक कदम और आगे बढ़ गए। उन्होंने भी एयर मार्शल अवधेश भारती के पिता के नाम का जिक्र करके जाति बताई लेकिन साथ ही विंग कमांडर व्योमिका सिंह की जाति भी बताई। उन्होंने कहा कि वे हरियाणा की जाटव हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा वाले उनको राजपूत समझते रहे इसलिए उनको बख्श दिया नहीं तो दलित होने की वजह से उन पर भी हमले हुए। यह बात उन्होंने कर्नल सोफिया कुरैशी की खैरख्वाही में कही।

असल में भाजपा के मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह ने सोफिया कुरैशी की मुस्लिम पहचान को लेकर एक आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उस बहाने भाजपा पर हमला करते हुए रामगोपाल यादव ने भारत की एक बहादुर महिला सैन्य अधिकारी की जाति बताई।

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