वैसे भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस और दूसरी पार्टियों के नेताओं को लाकर अपना प्रवक्ता बनाया है। भाजपा के अपने लोग जितने प्रवक्ता हैं उतने ही प्रवक्ता दूसरी पार्टियों से लाए गए हैं। गौरव भाटिया से लेकर गौरव वल्लभ और शहजाद पूनावाला से लेकर जयवीर शेरगिल, प्रेम शुक्ला, टॉम वडक्कन, शाजिया इलमी, अनिल एंटनी, अजय आलोक, सीआर केसवन आदि टेलीविजन पर भाजपा का पक्ष रखने वाले प्रवक्ता दूसरी पार्टियों से लाए गए हैं।
भाजपा के कुल 30 प्रवक्ता हैं। लेकिन भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष शुरू हुआ तो इन सबके मुकाबले बाहर के लोगों ने भाजपा का पक्ष रखा।
थरूर ने रखा भाजपा का सबसे मजबूत पक्ष
सबसे कायदे से भाजपा और केंद्र सरकार का पक्ष मीडिया में कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने रखा। वे लगातार इंटरव्यू देते रहे और कांग्रेस की तरह सिर्फ सरकार के साथ खड़े होने की बात नहीं कही, बल्कि आगे बढ़ कर सरकार के हर कदम को मास्टरस्ट्रोक बताया। विदेश मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस, सेना की प्रेस कॉन्फ्रेंस, दो महिला अधिकारियों को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बैठाने के फैसले को सबसे बेहतर ढंग से थरूर ने बयान किया।
इसके बाद जब सीजफायर हुआ तो उनकी पार्टी कांग्रेस ने इंदिरा गांधी की तस्वीरें लगा कर कहा कि 1971 में इंदिरा गांधी अमेरिका के दबाव में नहीं झुकी थीं। तब भी थरूर ने ही आगे बढ़ कर सीजफायर को सही ठहराया और 1971 की उपलब्धि को कमतर बताते हुए कहा कि उस समय की स्थितियां अलग थीं और अभी की स्थिति अलग है।
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