विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के अस्तित्व को लेकर पहले से सवाल उठ रहे थे। अब इसका बिखराव भी दिखने लगा है। आम आदमी पार्टी ने गठबंधन से अलग होने का ऐलान कर दिया है। और उसके बाद कांग्रेस पार्टी ने लेफ्ट को लेकर अपना विरोधाभास जाहिर कर दिया है। खुद राहुल गांधी ने सबसे बड़ी कम्युनिस्ट पार्टी सीपीएम से वैचारिक और राजनीतिक लडाई की बात कही है। इतना ही नहीं उन्होंने सीपीएम की तुलना आरएसएस से कर दी है। राहुल ने कहा है कि वे आरएसएस और सीपीएम से वैचारिक रूप से लड़ रहे हैं। इसके बाद दोनों पार्टियों के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है। राहुल की बात का जवाब सीपीएम के सबसे बड़े नेता यानी उसके महासचिव एमए बेबी ने खुद दिया है। दोनों पार्टियों के बीच यह विवाद इसलिए छिड़ा है क्योंकि केरल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
इसी तरह पश्चिम बंगाल में भी अगले साल विधानसभा चुनाव हैं तो तृणमूल कांग्रेस को भी कांग्रेस से दूरी बना कर ही चलना है। हालांकि दोनों पार्टियों में कैसा संबंध रहेगा इसका पता संसद के मानसून सत्र में चलेगा। बहरहाल, सीपीएम के महासचिव एमए बेबी ने राहुल गांधी की समझ पर सवाल उठाया है और कहा है कि वे सीपीएम की विचारधारा और उसकी कार्यप्रणाली को नहीं समझते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी में समझ की कमी है। सीपीएम महासचिव ने आरएसएस से लड़ाई में कांग्रेस की भूमिका पर भी सवाल उठाया है और सीपीएम को इस लड़ाई का चैंपियन बताया है। दोनों के इस झगड़े से यह चिंता भी जताई जा रही है कि कांग्रेस और सीपीएम दोनों अगर आरएसएस से लड़ने की बात करते रहेंगे तो केरल में अपने आप आरएसएस और भाजपा एक ताकत बन जाएंगा, जिसका लाभ उनको विधानसभा चुनाव में मिलेगा।