उप राष्ट्रपति का उम्मीदवार तय करने के नाम पर एनडीए और ‘इंडिया’ ब्लॉक में शह और मात का खेल चल रहा है। कौन पहले उम्मीदवार घोषित करेगा यह सस्पेंस बना हुआ है। हालांकि कायदे से सत्तापक्ष को अपना उम्मीदवार घोषित कर देना चाहिए। हमेशा ऐसा ही होता रहा है क्योंकि सत्तापक्ष के पास बहुमत होता है और इस चुनाव में किसी तरह के उलटफेर की कई संभावना नहीं रहती है। सत्तापक्ष के उम्मीदवार को हमेशा उसकी ताकत से ज्यादा वोट मिलते हैं। यानी लोकसभा और राज्यसभा मिला कर सरकार के पास जितना बहुमत होता है उससे ज्यादा वोट उसके उप राष्ट्रपति उम्मीदवार को मिलता है। इसलिए सत्तापक्ष राजनीतिक और सामाजिक समीकऱण को ध्यान में रखते हुए पहले अपना उम्मीदवार घोषित कर देता है। उसके बाद विपक्ष इस आधार पर उम्मीदवार की घोषणा करता है कि कौन हार का अंतर कम कर सकता है।
परंतु इस बार पता नहीं क्यों भारतीय जनता पार्टी ने सस्पेंस बना दिया है। जिस तरह से उप राष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ की विदाई हुई उसका सस्पेंस अभी कायम है और इस बीच सरकार उम्मीदवार की घोषणा लंबित रख कर नया सस्पेंस बना रही है। अब कहा जा रहा है कि रविवार, 17 अगस्त को भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक होगी, जिसमें उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का नाम तय होगा। सोचें, इसकी क्या जरुरत है? पिछले दिनों उप राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार तय करने के लिए एनडीए के सभी घटक दलों की बैठक हुई थी। उसमें एक राय से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को उप राष्ट्रपति का उम्मीदवार चुनने के लिए अधिकृत कर दिया गया। जब मोदी और नड्डा को अधिकृत किया गया है तो भाजपा संसदीय बोर्ड इसमें क्या करेगा? क्या यह दिखाने का प्रयास हो रहा है कि उम्मीदवार अकेले भाजपा का होगा? अगर ऐसा नहीं है तो एनडीए की घटक दलों की ओर से मिले अधिकार के आधार पर मोदी और नड्डा को नाम तय करके उम्मीदवार घोषित कर देना चाहिए! लेकिन संसदीय बोर्ड की बैठक होगी और कहा जा रहा है कि उसमें जो भी तय हो, नाम की घोषणा रविवार को नहीं होगी। जानकार सूत्रों का कहना है कि नाम की घोषणा नामांकन की आखिरी तारीख यानी 21 अगस्त से ठीक पहले होगी यानी 19 या 20 अगस्त को होगी।
सवाल है कि ऐसा क्यों होगा? लग रहा है कि ऐसा विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ को परेशान करने के लिए किया जा रहा है। ध्यान रहे विपक्षी गठबंधन ने तय किया है कि सत्तापक्ष के उम्मीदवार का नाम घोषित होने के बाद वे अपना उम्मीदवार घोषित करेंगे। तभी भाजपा अपने उम्मीदवार का नाम घोषित करने में देरी कर रही है। विपक्षी गठबंधन ने 18 अगस्त को बैठक बुलाई है। संसद के मानसून सत्र का आखिरी हफ्ता सोमवार, 18 अगस्त को शुरू होगा, जिसके लिए विपक्ष की रणनीति बनाई जाएगी और उसके साथ ही उप राष्ट्रपति के उम्मीदवार के नाम पर विचार होगा। लेकिन अगर सत्तापक्ष के उम्मीदवार की घोषणा 17 अगस्त को नहीं होती तो विपक्ष की घोषणा भी टलेगी। भाजपा के नेता भी मान रहे हैं कि सत्तापक्ष की ओर से जिसको उप राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनना है उसका नाम तय हो चुका होगा। नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने नाम तय किया होगा। फिर भी घोषणा रोक कर रखनी है ताकि विपक्ष को परेशान किया जा सके।