Vice President election

  • उजड्ड विमर्श की इंतिहा के दौर में

    उपराष्ट्रपति चुनाव के दौरान नरेंद्र भाई मोदी की पलटन ने विपक्ष के प्रत्याशी रेड्डी पर नक्सलवादियों का पक्षधर होने की तोहमत भी ज़ोरशोर से लगाई। कहा कि जब वे सुप्रीम कोर्ट के जज थे तो उन्होंने सलवा जुडूम के बारे में एक फ़ैसला दिया था।.... तो शुरू से ही हारे हुए प्रतिपक्षी प्रत्याशी को हराने के लिए सत्तापक्ष ने दुष्प्रचार का हर तरह का हथकंडा अपनाने से कोई गुरेज़ नहीं किया। नए उपराष्ट्रपति चंद्रपुरम पोन्नूसामी राधाकृष्णन ने शुक्रवार को अपने पद की शपथ ले ली। उन का चुना जाना पहले दिन से ही तय था। विपक्ष से बी. सुदर्शन रेड्डी...

  • भाजपा ने कैसे मैनेज किए अतिरिक्त वोट?

    उस बार उप राष्ट्रपति के चुनाव में विपक्ष ऊपर से एकजुट रहा। ‘इंडिया’ ब्लॉक की किसी पार्टी ने ऐलान करके एनडीए के उम्मीदवार का समर्थन नहीं किया। पहले ऐसा होता रहता था। क्षेत्र या किसी और आधार पर पार्टियां गठबंधन से बाहर जाकर राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति के चुनाव में वोट करती रही हैं। इस बार ऐसा नहीं हुआ। फिर भी कम से कम 29 वोट इधर उधर हुए हैं। या तो सांसदों ने क्रॉस वोटिंग की है या उन्होंने जान बूझकर अपना वोट अमान्य कराया है ताकि एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन की जीत का अंतर बढ़े। ऐसा नहीं...

  • भाजपा ने सहयोगियों के पोलिंग एजेंट बनाए

    भारतीय जनता पार्टी ने उप राष्ट्रपति के चुनाव की तैयारी बहुत बारीकी से की। उसके मुकाबले विपक्ष की तैयारी नहीं दिखी। विपक्ष के सबसे बड़े नेता राहुल गांधी तैयारियों के समय विदेश चले गए थे और सीधे वोट डालने पहुंचे थे। तभी आम आदमी पार्टी के नेता उप राष्ट्रपति चुनाव में हुई क्रॉस वोटिंग के लिए कांग्रेस को भी जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। पार्टी की मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि यह मान लेना चाहिए कि कांग्रेस के सबसे बड़े नेता चुनाव छोड़ कर विदेश चले गए थे और यह एक बडी कमी रही। बहरहाल, भाजपा ने दो दिन की कार्यशाला...

  • किसके सांसदों ने गड़बड़ी की?

    यह लाख टके का सवाल है कि जब सारी विपक्षी पार्टियां एकजुट रहने का दावा कर रही हैं और कह रही हैं कि उसके सांसद नहीं टूटे या उसके सांसद ने क्रॉस वोटिंग नहीं की तो फिर एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को 15 वोट ज्यादा कैसे मिले? उप राष्ट्रपति के चुनाव में कुल 767 वैध वोट पड़े, जिसमें से 452 वोट राधाकृष्णन को मिले और तीन सौ वोट विपक्ष के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी को मिले। इसके अलावा 15 वोट अमान्य हो गए और 14 सांसद वोटिंग से गैरहाजिर रहे। एक बड़ा सवाल तो यह पैदा होता है कि...

  • एक बार सुनी गई थी अंतरात्मा की आवाज

    मंगलवार, नौ सितंबर को हुए उप राष्ट्रपति चुनाव के दिन का शब्द था ‘अंतरात्मा’। विपक्ष का हर नेता अंतरात्मा की आवाज पर वोट डालने की अपील कर था। विपक्षी गठबंधन के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी ने बार बार कहा कि सदस्य अंतरात्मा की आवाज पर वोट डालेंगे। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने अंतरात्मा की आवाज पर मतदान होने की बात कही। कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने अंतरात्मा की आवाज सुन कर वोट डालने की अपील की। लेकिन अंत में किसी ने अंतरात्मा की आवाज नहीं सुनी। कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियों ने एकीकृत आंध्र प्रदेश में जन्मे बी...

  • बीआरएस, बीजद ने क्यों दूरी बनाई?

    उप राष्ट्रपति के चुनाव में सब कुछ वैसे ही हुआ, जैसा सोचा गया था। किसी को अप्रत्याशित नतीजे आने की उम्मीद नहीं थी। आजाद भारत के इतिहास में कभी भी सत्तापक्ष का उप राष्ट्रपति का उम्मीदवार चुनाव नहीं हारा है। एचडी देवगौड़ा सरकार की ओर से खड़े किए गए उम्मीदवार कृष्णकांत भी बड़े अंतर से चुनाव जीत गए थे। फिर नरेंद्र मोदी की सरकार के उम्मीदवार की हार तो सोची ही नहीं जा सकती थी। सो, जैसे नतीजे उम्मीद के मुताबिक आए वैसे ही पार्टियों का पोजिशनिंग भी उम्मीद के मुताबिक रही। वाईएसआर कांग्रेस ने सरकार के उम्मीदवार का समर्थन...

  • एकजुट है एनडीए, विपक्ष का दांव नाकाम

    भाजपा संगठन के लिए दशकों काम कर चुके, लोकसभा सांसद और राज्यपाल रहे  सी.पी. राधाकृष्णन के अनुभव का लाभ देश को प्राप्त होगा और राज्यसभा का संचालन भी वे तटस्थ और निरपेक्ष होकर करेंगे। उनकी जीत निश्चित है। विपक्ष के पास अब भी समय है कि वह उनका समर्थन करे। नौ सितंबर को मतदान विपक्ष का चाहे जो रुख रहे, देश नए उप राष्ट्रपति और उच्च सदन के नए सभापति के रूप में सी.पी. राधाकृष्णन का स्वागत करने को तैयार है।    उप राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष का राजनीतिक और क्षेत्रीय विभाजन का दांव नाकाम हो गया है। विपक्षी पार्टियों...

  • विपक्ष के ‘मास्टरस्ट्रोक’ का नुकसान

    विपक्ष के नेताओं से ज्यादा सोशल मीडिया के इनफ्लूएंसर और यूट्यूबर बी सुदर्शन रेड्डी को उप राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाने को विपक्ष का मास्टरस्ट्रोक बता रहे हैं। लेकिन इस मास्टरस्ट्रोक के कई नुकसान हैं। पता नहीं विपक्षी नेताओं ने उनका आकलन किया या नहीं? सबसे पहला नुकसान तो यही है कि अब न्यायपालिका के राजनीतिकरण के आरोपों का क्या होगा? यह सही है कि बी सुदर्शन रेड्डी को रिटायर हुए एक दशक से ज्यादा हो गए हैं लेकिन वे सुप्रीम कोर्ट के जज थे। कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियां भाजपा पर आरोप लगाती थीं कि वह न्यायपालिका का राजनीतिकरण कर...

  • विपक्ष के इस ‘मास्टरस्ट्रोक’ के क्या कहने!

    एकीकृत आंध्र प्रदेश में जन्मे और तेलंगाना में रहने वाले सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी को विपक्ष ने उप राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया है। यह विपक्ष की मूर्खता है या मास्टरस्ट्रोक? विपक्षी पार्टियों के नेता, प्रवक्ता और कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी पार्टियों के हर सही गलत काम का बचाव करने वाले सोशल मीडिया के इन्फ्लूएंसर इसे मास्टरस्ट्रोक बताने में लगे हैं। कई लोगों ने यूट्यूब पर प्रोग्राम बना दिए और लाखों को व्यूज हासिल कर लिए। कई लोगों ने कहा कि अब चंद्रबाबू नायडू घिर गए और इस वजह  से नरेंद्र मोदी भी घिर गए। ऐसी...

  • राष्ट्रपति के बाद उप राष्ट्रपति का झारखंड कनेक्शन

    यह गजब संयोग है कि राष्ट्रपति के बाद उप राष्ट्रपति का भी झारखंड कनेक्शन निकल आया है। उप राष्ट्रपति पद के लिए भाजपा की ओर से घोषित एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन झारखंड के राज्यपाल थे। वे फरवरी 2023 से जुलाई 2024 तक राज्यपाल रहे थे और राज्य की हेमंत सोरेन सरकार के साथ ठीक ठाक संबंध रहा था। हालांकि उनके राज्यपाल रहते ही राजभवन में तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का इस्तीफा हुआ था और उनको गिरफ्तार किया गया था। वे राजभवन से गिरफ्तार हुए थे। झारखंड के बाद राधाकृष्णन को महाराष्ट्र का राज्यपाल बना कर भेजा गया। उनका उप राष्ट्रपति...

  • उप राष्ट्रपति उम्मीदवार पर शह मात का खेल

    उप राष्ट्रपति का उम्मीदवार तय करने के नाम पर एनडीए और ‘इंडिया’ ब्लॉक में शह और मात का खेल चल रहा है। कौन पहले उम्मीदवार घोषित करेगा यह सस्पेंस बना हुआ है। हालांकि कायदे से सत्तापक्ष को अपना उम्मीदवार घोषित कर देना चाहिए। हमेशा ऐसा ही होता रहा है क्योंकि सत्तापक्ष के पास बहुमत होता है और इस चुनाव में किसी तरह के उलटफेर की कई संभावना नहीं रहती है। सत्तापक्ष के उम्मीदवार को हमेशा उसकी ताकत से ज्यादा वोट मिलते हैं। यानी लोकसभा और राज्यसभा मिला कर सरकार के पास जितना बहुमत होता है उससे ज्यादा वोट उसके उप...

  • विपक्ष का उम्मीदवार बाद में तय होगा

    उप राष्ट्रपति पद का विपक्षी उम्मीदवार अभी नहीं तय होगा। सत्तापक्ष की ओर से उम्मीदवार का नाम तय होने के बाद ही विपक्ष अपना उम्मीदवार तय करेगा। जानकार सूत्रों का कहना है कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की पार्टियों के बीच इस पर सहमति बन गई है। अभी सभी पार्टियां मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर के मुद्दे से ध्यान नहीं भटकने देना चाहती हैं। विपक्षी पार्टियों का कहना है कि एक बार उप राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई तो फिर एसआईआर का मुद्दा हाशिए में चला जाएगा। उनको लग रहा है कि सत्तापक्ष ऐसा चाह...

  • मोदी और नड्डा तय करेंगे उप राष्ट्रपति का उम्मीदवार

    नई दिल्ली। उप राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव की अधिसूचना जारी हो गई है और इसक साथ ही गुरुवार, सात अगस्त से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जो 21 अगस्त तक चलेगी। नौ सितंबर को उप राष्ट्रपति का चुनाव होना है। इस बीच संसद में एनडीए के नेताओं की बैठक हुई। इसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ ही संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू शामिल हुए। मीटिंग के बाद रिजिजू ने बताया कि एनडीए की सभी पार्टियों के नेताओं की मौजूदगी में एक प्रस्ताव पास किया गया है, जिसमें उप राष्ट्रपति चुनाव...

  • विपक्ष के उम्मीदवार पर सहमति कैसे बनेगी!

    उप राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन शुरू होने से पहले उम्मीदवारों के नाम की चर्चा शुरू हो गई है। सत्तापक्ष की ओर से यानी एनडीए की ओर से कौन उम्मीदवार होगा, इसे लेकर ज्यादा अटकल नहीं है क्योंकि ज्यादातर लोग मान रहे हैं कि फैसला दो लोगों को करना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री जिसे चाहेंगे वह उम्मीदवार बनेगा। वह भाजपा का नेता होगा या किसी सहयोगी पार्टी का नेता होगा और किसी चुनावी राज्य का व्यक्ति होगा या कहीं अन्य का यह फैसला उन दो लोगों को करना है। उसमें किसी तीसरे व्यक्ति की भूमिका नहीं...

  • अब तक सिर्फ चार उप राष्ट्रपति निर्विरोध जीते हैं

    भारत में उप राष्ट्रपति निर्विरोध चुने जाने की परंपरा नहीं रही है। भारत के गणतंत्र घोषित हौने के बाद यानी 1950 के बाद पिछले 75 साल में सिर्फ चार ही उप राष्ट्रपति निर्विरोध चुने गए। इसके अलावा हर बार विपक्षी पार्टियों ने उम्मीदवार उतारे। इन चार में से दो बार तो डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ही निर्विरोध चुने गए। वे देश के पहले उप राष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति हैं। वे दोनों बार निर्विरोध चुने गए। उनके अलावा एक बार एमएन हिदायतुल्ला निर्विरोध हुए और एक बार शंकर दयाल शर्मा निर्विरोध उप राष्ट्रपति चुने गए। 1987 में जिस समय शंकर दयाल शर्मा...

  • उप राष्ट्रपति से राजनीति साधने का प्रयास

    उप राष्ट्रपति का चुनाव बहुत जल्दी होगा। जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद से चुनाव की टाइमिंग को लेकर कयास लगाए जा रहे थे। याद दिलाया जा रहा था कि संविधान में चुनाव कराने के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है। इस आधार पर ऐसा दावा किया जा रहा था कि चुनाव टला रह सकता है। लेकिन ऐसा लग रहा है कि चुनाव टलेगा नहीं, बल्कि बहुत जल्दी होगा। चुनाव आयोग ने इसकी प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। प्रक्रिया शुरू करने का पहला चरण इलेक्टोरल कॉलेज का गठन करना है। वह ऑलरेडी है। उप राष्ट्रपति के...

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