भारतीय क्रिकेट टीम के सर्वकालिक महान कप्तान और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष सौरव गांगुली ने पहले ही राजनीति से दूरी बना ली है। गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव आ रहे हैं और इससे पहले की पार्टियां उनको राजनीति में घसीटने या अपनी पार्टी में शामिल करने का अभियान चलाएं उन्होंने कह दिया है कि वे राजनीति में नहीं जाना चाहते हैं। हालांकि पहले भी वे कई बार यह बात कह चुके हैं और सभी पार्टियों के नेताओं की निजी बातचीत में भी स्पष्ट कर चुके हैं कि उनको राजनीति में नहीं जाना है। फिर भी नेता उनके पीछे पड़े रहते हैं। पिछले चुनाव से पहले तो भारतीय जनता पार्टी ने उनको अपनी पार्टी में शामिल कराने का बहुत प्रयास किया था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कोलकाता में उनके घर गए थे और बताया जाता है कि उनको भाजपा में शामिल होने का प्रस्ताव दिया गया था।
गांगुली ने भाजपा में जाने और मुख्यमंत्री का चेहरा बनने से इनकार कर दिया था। यह भी कहा जाता है कि उसके बाद ही उनको बीसीसीआई के अध्यक्ष पद से हटाया गया और रोजर बिन्नी अध्यक्ष बने। बहरहाल, इन कयासों और अटकलों के बीच पश्चिम बंगाल चुनाव से पहले गांगुली ने कहा है कि वे अभी क्रिकेट के लिए काम करना चाहते हैं। पहली बार गांगुली ने अपने लिए कोई पद चाहा है। उन्होंने कहा है कि वे भारतीय क्रिकेट टीम के कोच बनना चाहते हैं। इसी क्रम में उनसे राजनीति में जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने दो टूक मना कर दिया। गौरतलब है कि ममता बनर्जी की पार्टी की ओर से गांगुली को कई बार राजनीति में आने और कोई पद लेने के लिए कहा जा चुका है।