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सोशल मीडिया को काबू करने का इंतजाम

Yogi Adityanath

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सोशल मीडिया को काबू में करने के नियम बनाए हैं। काबू में करने का मतलब है कि सरकार के खिलाफ लिखने वालों को सजा दी जाएगी और सरकार के समर्थन में लिखने वालों को मोटा इनाम दिया जाएगा। कुछ दिन पहले खबर आई थी कि केंद्र सरकार ने ब्रॉडकास्ट बिल का मसौदा सभी संबंधित पक्षों को भेजा था लेकिन उसे तुरंत ही वापस ले लिया। बताया जा रहा है कि इसमें मीडिया को नियंत्रित करने के प्रावधान किए गए हैं। मीडिया में सोशल मीडिया भी शामिल है। केंद्र सरकार ने विरोध की संभावना देखते हुए बिल को वापस ले लिया। लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार को विरोध की परवाह नहीं है। सरकार ने सीधे तौर पर इनाम और सजा दोनों का ऐलान कर दिया। अब सोशल मीडिया के इन्फ्लयूंसर्स को तय करना है कि सजा भुगतनी है या इनाम पाना है। सजा का तो पता ही है कि योगी सरकार बुलडोजर चलवा देती है।

बहरहाल, सोशल मीडिया के लिए लाए गए नियमों में प्रावधान है कि अच्छा कंटेंट लिखने वालों को आठ लाख रुपए महीने तक की आमदनी हो सकती है। सोचें, कौन नहीं चाहेगा कि अच्छा कंटेंट लिख कर रुपए कमाए जाएं! इसी तरह इसमें यह कहा गया है कि खराब या नकारात्मक कंटेंट लिखने पर या लोगों को भड़काने या समाज में विद्वेष फैलाने वाले कंटेंट पर सख्त सजा होगी। अच्छा कंटेंट क्या है और खराब क्या है इसका फैसला राज्य सरकार करेगी। जैसे दो दलित लड़कियों की पेड़ पर लटकी लाश मिली है, जिसे परिजन हत्या और पुलिस और आत्महत्या बता रही है, उसके बारे में लिखने पर सजा हो सकती है। यूपी सरकार के इस नियम का मसौदा सामने आने के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सबसे चर्चित दक्षिणपंथी इंफ्लयूंसर ने इस पर तंज करते हुए लिखा कि उसने तो राज्य में बिजली व्यवस्था का भट्ठा बैठ जाने के बारे में पोस्ट लिखा है, कहीं राज्य सरकार इसके लिए उनको जेल न भेज दे। नए नियमों के बाद यह आशंका मजाक नहीं है, बल्कि इसकी पूरी संभावना है।

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