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भाजपा के सामने मध्य प्रदेश की परेशानी

मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के अंदर बड़ी खींचतान है। वैसे तो राजस्थान में भी है लेकिन वहां उस तरह से पार्टी का अंदरूनी विवाद अभी सतह पर नहीं आया है। कर्नाटक के चुनाव नतीजों के बाद मध्य प्रदेश में पार्टी के अंदर जबरदस्त खींचतान है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पार्टी का आंतरिक झगड़ा सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन नेताओं की गुटबाजी की वजह से इसमें कामयाबी नहीं मिल पा रही है। ध्यान रहे मध्य प्रदेश में भाजपा के पास कई बड़े नेता हैं और सबके अपने गुट थे। इस बीच कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया का एक नया गुट बन गया। इसकी वजह से अंदरूनी टकराव ज्यादा हो गया। प्रदेश के सभी नेताओं को किसी न किसी का वरदहस्त प्राप्त है। कोई संघ की सरपरस्ती में है तो किसी को अमित शाह का आशीर्वाद मिला हुआ है तो कोई सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संपर्क में है।

तभी सब एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। राज्य में नया प्रदेश अध्यक्ष बनना है। उससे पहले मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के खिलाफ मोर्चा खुला हुआ है। भाजपा कार्यसमिति के सदस्य सुशील तिवारी के मोबाइल से वीडी शर्मा के बारे में आपत्तिजनक बातों का एक पुराना पत्र लीक हो गया। हालांकि उन्होंने कहा कि उनके पीए ने गलती से इसे वायरल कर दिया और पीए को हटा दिया गया है। लेकिन मामला इतना नहीं है। उन्होंने भूपेंद्र सिंह को पार्टी का अगला अध्यक्ष घोषित किया हुआ है। उनको नोटिस जारी हुआ है। राज्य सरकार के दो मंत्रियों- गोविंद सिंह राजपूत और भूपेंद्र सिंह की लड़ाई अपनी जगह है। गोविंद सिंह के बेटे आकाश ने भूपेंद्र सिंह को लेकर एक विवादित ट्विट किया, जिसे बाद में डिलीट कर दिया। राज्य की एक दूसरी मंत्री इमरती देवी ने ऐलान कर दिया कि गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट पर इस बारज्योतिरादित्य सिंधिया चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि मौजूदा सांसद केपी यादव को टिकट नहीं मिलेगी। गौरतलब है कि पिछले चुनाव में सिंधिया को हराने वाले केपी यादव ने उनके खिलाफ अलग मोर्चा खोला हुआ है।

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