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एकनाथ शिंदे की आत्मनिर्भरता

वैसे एकनाथ शिंदे अपवाद नहीं हैं। महाराष्ट्र के नेता खास कर शिव सेना के नेता जब अयोध्या जाते हैं तो वे सभी भीड़ जुटाने के मामले में आत्मनिर्भर रहते हैं। वे इस भरोसे अयोध्या नहीं जाते हैं कि वहां स्थानीय स्तर पर शिव सेना के नेता भीड़ जुटाएंगे। वे अपनी भीड़ साथ ही लेकर जाते हैं। चाहे राज ठाकरे हों या उद्धव और आदित्य ठाकरे सबके साथ अपनी भीड़ महाराष्ट्र से ही जाती थी। उसी तरह अब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अयोध्या जा रहे हैं तो वे भी अपनी भीड़ लेकर जा रहे हैं। शिंदे को शनिवार की देर शाम लखनऊ पहुंचना है और उसके बाद रविवार की सुबह हेलीकॉप्टर से लखनऊ से अयोध्या जाना है, जहां दोपहर में वे रामलला के दर्शन करेंगे और राममंदिर के निर्माण की जगह भी जाएंगे।

उनके अयोध्या पहुंचने से पहले हजारों की संख्या में लोगों को वहां भेजा जा रहा है। शिंदे ने अपने असर वाले सबसे मजबूत इलाके ठाणे से कई हजार लोगों को अयोध्या भेजा है। ठाणे से एक विशेष ट्रेन अयोध्या के लिए रवाना हुई। अपने बेटे और कल्याण सीट के सांसद श्रीकांत शिंदे के साथ ठाणे से एक विशेष ट्रेन को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। एक दूसरी विशेष ट्रेन नासिक से अयोध्या के लिए रवाना हुई। कुल मिला कर तीन विशेष ट्रेन महाराष्ट्र से अयोध्या पहुंची है, जिसमें तीन हजार से ज्यादा लोग शिंदे का स्वाग्त करने पहुंचे हैं। शिंदे की पार्टी ने उनकी अयोध्या यात्रा को बड़ा इवेंट बनाया है।

गौरतलब है कि बाला साहेब ठाकरे ने अयोध्या में राममंदिर के निर्माण का समर्थन किया था और वे अकेले नेता थे, जिन्होंने खुल कहा था कि उनके शिव सैनिकों ने विवादित ढांचा गिराया था। तभी उद्धव ठाकरे और उनका परिवार भी अयोध्या में राममंदिर के निर्माण का श्रेय लेता रहा है। उसी में हिस्सेदारी बंटाने के लिए एकनाथ शिंदे अयोध्या पहुंच रहे हैं। उनके चुनाव आयोग ने असली शिव सेना मान लिया है और अब वे अपने को बाल ठाकरे का भी उत्तराधिकारी मनवाने की राजनीति कर रहे हैं।

 

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