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चैंपियन तो टीम बनी, पर वाहवाही अकेले विराट कोहली के नाम? कप्तान की चुप्पी

विराट कोहली

आईपीएल 2025 का फाइनल मुकाबला क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण बन गया जब विराट कोहली की रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने पंजाब किंग्स को हराकर अपनी पहली आईपीएल ट्रॉफी जीत ली। यह जीत केवल एक टीम की नहीं, बल्कि वर्षों से आरसीबी का इंतज़ार कर रहे लाखों फैंस की भावनाओं की जीत थी।

लेकिन इस बार कहानी थोड़ी अलग थी। जहां हर बार विराट कोहली टीम के केंद्र में रहते थे, वहीं इस बार युवा कप्तान रजत पाटीदार ने खुद को साबित करते हुए आरसीबी को चैंपियन बना दिया।

मैच के बाद कैमरे भले ही विराट कोहली पर टिके रहे हों, लेकिन मैदान पर जो कमाल हुआ, उसमें रजत पाटीदार की रणनीति और नेतृत्व सबसे ऊपर रहा।

उनकी शांत और संयमित कप्तानी में टीम ने वह कर दिखाया जो अब तक मुमकिन नहीं हो सका था। लंबे समय से ट्रॉफी का इंतज़ार कर रही आरसीबी ने इस बार किसी स्टारडम के नहीं, बल्कि सामूहिक प्रदर्शन के दम पर यह मुकाम हासिल किया।

मैच के बाद रजत पाटीदार ने कहा,

“मुझे लगता है कि यह मेरे लिए, विराट कोहली और उन सभी फैंस के लिए बहुत खास है जिन्होंने वर्षों से हमारा समर्थन किया है। वे इस जीत के हकदार हैं। क्वालीफायर 1 के बाद हमें यह एहसास हो गया था कि हम यह कर सकते हैं।

मुझे लगता है कि इस ट्रैक पर 190 रन का स्कोर बहुत अच्छा था क्योंकि पिच थोड़ी धीमी थी। गेंदबाजों ने जिस तरह अपनी योजनाओं को अंजाम दिया, वह देखने लायक था।”

इस बयान से यह साफ जाहिर होता है कि रजत पाटीदार न सिर्फ एक अच्छे बल्लेबाज़ हैं, बल्कि उनमें नेतृत्व की परिपक्वता भी है। उन्होंने जीत का सारा श्रेय टीम को दिया, खासकर गेंदबाज़ों को, जिन्होंने पंजाब किंग्स की मजबूत बल्लेबाज़ी को रोकने में अहम भूमिका निभाई।

विराट कोहली का अनुभव, ग्लेन मैक्सवेल की ऑलराउंड परफॉर्मेंस, और मोहम्मद सिराज की धारदार गेंदबाज़ी — इन सबके बीच रजत पाटीदार की कप्तानी वह सूत्र बनकर उभरी जिसने पूरे टीम को एकजुट किया।

इस ऐतिहासिक जीत के साथ आरसीबी ने ना केवल ट्रॉफी अपने नाम की, बल्कि यह साबित किया कि बदलाव और युवाओं पर भरोसा करने से बड़ी से बड़ी बाधाएं पार की जा सकती हैं। अब जब भी आईपीएल 2025 की बात होगी, रजत पाटीदार का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।

विराट कोहली के नेतृत्व में सीखने का अनुभव

पाटीदार ने अपने हालिया साक्षात्कार में उस गहराई से बात की जो किसी खिलाड़ी की सच्ची भावना को दर्शाती है। उन्होंने टीम के हर खिलाड़ी की भूमिका की सराहना करते हुए कहा, “क्रुणाल विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं. जब भी मैं दबाव में आता हूं, तो मैं केपी की ओर देखता हूं.” यह एक कप्तान और खिलाड़ी के बीच के भरोसे को दर्शाता है। सुयश शर्मा की गेंदबाजी की भी उन्होंने दिल से तारीफ की और पूरे सीजन में उनके प्रदर्शन को ‘बहुत अच्छा’ बताया।

तेज गेंदबाजों का जिक्र करते हुए उन्होंने भुवनेश्वर कुमार, यश दयाल, जोश हेज़लवुड और रोमारियो शेफर्ड के योगदान को विशेष बताया। “जिस तरह से रोमारियो आए और 2-3 ओवर में सफलता दिलाई, वह खास था।” यह एक टीम के रूप में एकजुटता और सभी खिलाड़ियों के योगदान की मिसाल है।

पाटीदार ने विराट कोहली के नेतृत्व में खेलने को एक ‘शानदार अवसर’ बताया और कहा कि यह उनके लिए बहुत बड़ी सीख रही। विराट की कप्तानी में उन्होंने न सिर्फ क्रिकेट सीखा, बल्कि नेतृत्व, आत्मविश्वास और खेल के प्रति समर्पण भी सीखा।

पाटीदार का भावुक बयान

उन्होंने कहा, “जैसा कि मैंने कहा कि वह (विराट कोहली ) किसी और से ज्यादा इसके हकदार हैं। विराट कोहली और सभी फैंस जिन्होंने समर्थन दिया – प्रबंधन, सहयोगी स्टाफ, सभी ने जिस तरह खिलाड़ियों का समर्थन किया, वह शानदार था।”

अपने बयान के अंत में पाटीदार ने एक खास संदेश फैंस के लिए दिया, जो हर समर्थक के दिल को छू गया – “ई साला कप नामदु।” यह नारा सिर्फ एक वाक्य नहीं, बल्कि एक भाव है, जो टीम और उसके प्रशंसकों को जोड़ता है।

उन्होंने यह भी कहा कि यह उनके लिए एक बड़ा मौका था और उन्होंने इस अनुभव से बहुत कुछ सीखा है। उनके अनुसार, इस जीत या सफलता के सबसे बड़े हकदार विराट कोहली हैं – एक सच्चे योद्धा, एक प्रेरक नेता।

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pic credit- GROK 

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