Naya India-Hindi News, Latest Hindi News, Breaking News, Hindi Samachar

संवाद स्वागत-योग्य है

ड्रैगन एवं हाथी के सह- नृत्यकी इच्छाओं को साकार करने की कोई ठोस जमीन फिलहाल तैयार नजर नहीं आती। फिर भी बातचीत बनी रहे और सद्भाव जताया जाता रहे, खुले टकराव की तुलना में यह बेहतर स्थिति है।

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) से जुड़े देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक में भाग लेने गए अजित डोवल की सोमवार को चीन के विदेश मंत्री वांग यी से सकारात्मक बातचीत हुई। डोवल और वांग सीमा विवाद को हल करने संबंधी वार्ता के लिए अपने- अपने देशों के विशेष प्रतिनिधि भी हैं। इसलिए दोनों की मुलाकात का हमेशा एक खास संदर्भ होता है। चीनी विदेश मंत्रालय के बयान के मुताबिक डोवल ने वांग से कहा कि भारत और चीन के रणनीतिक उद्देश्यों में संगति है, जिनमें ध्यान अपने- अपने देश के विकास पर केंद्रित है। एससीओ की मेजबानी इस बार चीन कर रहा है। इससे दोनों देशों को आपसी संवाद को आगे बढ़ाने के अवसर भी मिल रहे हैं।

डोवल और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 26-27 जून को चीन के चिंगदाओ शहर में होंगे, जहां एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक होने जा रही है। इस अवसर को विशेष प्रतीकात्मक महत्त्व प्रदान करने के लिए कार्यक्रम इस तरह बनाया गया, जिससे इसी समय भारतीय तीर्थयात्रियों का पहला जत्था तिब्बत पहुंचेगा। वहां वह मानसरोवर के लिए रवाना होगा। छह साल बाद ये यात्रा फिर शुरू हुई है। इसी बीच दोनों देश सीधी विमान सेवा फिर शुरू करने पर भी चर्चा कर रहे हैं। अगस्त के आखिर में एससीओ का शिखर सम्मेलन होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उसमें जाएंगे या नहीं, यह अभी तय नहीं है।

यह काफी कुछ बीच की अवधि में संबंधों की दिशा से तय होगा। हालांकि संवाद जारी रहना अपने- आप में महत्त्वपूर्ण है, फिर भी कड़वी हकीकत यही है कि दोनों देशों के रिश्तों में अभी कड़वाहट के कई पहलू बने हुए हैँ। 2020 में लद्दाख में हुई घटनाओं के अलावा हाल में उभरी कुछ व्यापार बाधाओं और ऑपरेशन सिंदूर के समय पाकिस्तान को चीन के खुले समर्थन ने कड़वाहट और बढ़ा दी है। ऐसे में “ड्रैगन एवं हाथी के सह- नृत्य” की तमाम इच्छाओं (जैसा इजहार वांग यी ने किया) को साकार करने की कोई ठोस जमीन फिलहाल तैयार नजर नहीं आती। फिर भी बातचीत बनी रहे और सद्भाव जताया जाता रहे, खुले टकराव की तुलना में यह बेहतर स्थिति है।

Exit mobile version