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शिबू सोरेन के निधन पर सदन ने दी श्रद्धांजलि, राज्यसभा पूरे दिन के लिए स्थगित

Dumka, Feb 02 (ANI): Jharkhand Mukti Morcha (JMM) National President Shibu Soren waves to the supporters during a gathering on the occasion of the party's 43rd foundation day, at Dumka Gandhi Ground, in Dumka on Wednesday. (ANI Photo)

नई दिल्ली। लोकप्रिय आदिवासी नेता और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का सोमवार को दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में निधन हो गया। वह राज्यसभा के सांसद थे। वह राज्यसभा के मौजूदा सांसद थे। उनके निधन पर राज्यसभा में सभी सांसदों ने शोक जताया और दो मिनट का मौन रखा। इसके बाद सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।

सोमवार को राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही उपसभापति हरिवंश नारायण ने सदन को राज्यसभा के मौजूदा सांसद की मृत्यु का समाचार दिया। उपसभापति ने कहा कि गहरे दुख के साथ यह सूचित करना है कि मौजूदा राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन का निधन हो गया है।

उपसभापति ने कहा शिबू सोरेन आम लोगों के बीच में गुरुजी के नाम से लोकप्रिय थे। उनका जन्म झारखंड के हजारीबाग जिले के एक गांव में 11 मई 1944 को हुआ था। वह मैट्रिक पास थे और पेशे से एक किसान थे। उन्होंने आदिवासी समुदाय के अधिकारों और उनके उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 

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झारखंड राज्य के निर्माण के आंदोलन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। उन्होंने आजीवन वंचितों के अधिकार की लड़ाई लड़ी व उनके लिए सेवा भाव से कार्य किया। वह एक वरिष्ठ और विशिष्ट आदिवासी नेता थे। वह झारखंड के सामाजिक राजनीतिक परिदृश्य में एक प्रभावशाली व्यक्ति थे।

उप सभापति ने आगे कहा कि ‘दिशोम गुरु’ के रूप में जाने जाने वाले शिबू सोरेन आम गरीब लोगों के बीच में गुरूजी के रूप में लोकप्रिय थे। वह एक जमीनी कार्यकर्ता थे। वह नवगठित राज्य (झारखंड) के सबसे सम्मानित नेताओं में से एक बने। उन्होंने आजीवन वंचितों के हितों व अधिकार के लिए काम किया।

गौरतलब है कि अपने लंबे राजनीतिक जीवन में शिबू सोरेन आठ बार लोक लोकसभा सांसद के रूप में चुने गए। उपसभापति ने कहा कि उन्होंने लोकसभा में झारखंड की जनता का ईमानदारी व निष्ठा से प्रतिनिधित्व किया। इसके अलावा, वह तीन बार राज्यसभा के सदस्य भी रहे और वह मौजूदा समय में भी राज्यसभा के सदस्य थे।

राज्यसभा में बताया गया कि दिवंगत सांसद वर्ष 2005-2010 के बीच तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रहे। वह वर्ष 2004-2006 के बीच केंद्र सरकार में केंद्रीय कोयला मंत्री रहे। राज्यसभा में उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा गया कि अपने संसदीय जीवन में उन्होंने विशेष रूप से सामाजिक न्याय, आदिवासी कल्याण व ग्रामीण विकास जैसी बहस और चर्चा में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

Pic Credit : ANI

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