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पीएम मोदी ने सफल सैटेलाइट डॉकिंग पर इसरो को दी बधाई

Satellite Docking

New Delhi, Jan 14 (ANI): Prime Minister Narendra Modi addresses the 150th Foundation Day celebrations of India Meteorological Department, at Bharat Mandapam in New Delhi on Tuesday. (ANI Photo)

Satellite Docking:  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उपग्रहों की अंतरिक्ष डॉकिंग के सफल प्रदर्शन के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) को बधाई दी है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा उपग्रहों की अंतरिक्ष डॉकिंग की सफलता के लिए इसरो के हमारे वैज्ञानिकों और पूरे अंतरिक्ष समुदाय को बधाई।

यह आने वाले वर्षों में भारत के महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष मिशनों की ओर बढ़ाया गया महत्वपूर्ण कदम है।

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वहीं केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक्स पोस्ट पर लिखा इसरो ने आखिरकार यह कर दिखाया। स्पैडेक्स ने अविश्वसनीय उपलब्धि हासिल की है। डॉकिंग पूरी हो गई है और यह पूरी तरह स्वदेशी “भारतीय डॉकिंग सिस्टम” है।

इससे भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन और चंद्रयान 4 और गगनयान समेत भविष्य के महत्वाकांक्षी मिशनों के सुचारू संचालन का मार्ग प्रशस्त होगा। पीएम मोदी का निरंतर संरक्षण बेंगलुरु में उत्साह को बढ़ाता रहता है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक्स पोस्ट पर लिखा इसरो को इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर बधाई।(Satellite Docking)

भारत सफलतापूर्वक अंतरिक्ष डॉकिंग हासिल करने वाला चौथा देश बन गया है, जो हमारी अंतरिक्ष क्षमताओं में एक बड़ी छलांग है।

यह असाधारण मील का पत्थर मिशन के पीछे प्रतिभाशाली दिमागों के समर्पण और विशेषज्ञता को उजागर करता है। भारत के लिए यह गौरव का क्षण है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी। बताया कि स्पैडेक्स मिशन के उपग्रहों की सफल डॉकिंग के साथ ही भारत अंतरिक्ष डॉकिंग तकनीक में महारत हासिल करने वाला चौथा देश बन गया है।

प्रत्येक का वजन लगभग 220 किलोग्राम(Satellite Docking)

इसरो ने दो छोटे अंतरिक्ष यान एसडीएक्स01, चेजर, और एसडीएक्स02, टारगेट के विलय की जानकारी दी, जिनमें से प्रत्येक का वजन लगभग 220 किलोग्राम है।

ये उपग्रह स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (स्पेडेक्स) मिशन का हिस्सा थे, जिसे 30 दिसंबर को श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी-सी60 रॉकेट के जरिए प्रक्षेपित किया गया था।

भारत अब डॉकिंग तकनीक में महारत हासिल करने वाला अमेरिका, रूस और चीन के बाद चौथा देश बन गया है।

भारतीय डॉकिंग सिस्टम

डॉकिंग तकनीक स्वदेशी तौर पर विकसित की गई है और इसे ‘भारतीय डॉकिंग सिस्टम’  नाम दिया गया है।

इसरो का मानना ​​है कि स्पैडेक्स मिशन, कक्षीय डॉकिंग में भारत की क्षमता स्थापित करने में मदद करेगा, जो भविष्य के मानव अंतरिक्ष उड़ान और उपग्रह सेवा मिशनों के लिए एक महत्वपूर्ण तकनीक है।

अंतरिक्ष यात्रा करने वाले देशों के विशिष्ट क्लब में शामिल होने के अलावा, डॉकिंग प्रौद्योगिकी भारत के आगामी अंतरिक्ष मिशनों के लिए भी महत्वपूर्ण है,

जिसमें चंद्र मिशन, भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना, तथा पृथ्वी से जीएनएसएस के समर्थन के बिना चंद्रयान-4 जैसे चंद्र मिशन शामिल हैं।

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