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एससीओ में पहलगाम कांड की निंदा

नई दिल्ली। चीन के तियानजिन में हुए शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ की बैठक में भारत को बड़ी कामयाबी मिली है। दो दिन के सम्मेलन के बाद जारी एससीओ के घोषणापत्र में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की निंदा की गई। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की मौजूदगी में सदस्य देशों ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की निंदा की। इतना ही नहीं एससीओ के घोषणापत्र में आतंकवादियों की मदद करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की बात कही गई। गौरतलब है कि भारत लगातार कहता रहा है कि पाकिस्तान आतंकवादियों को प्रश्रय देता है और उनकी मदद करता है।

एससीओ के घोषणापत्र में कहा गया कि पहलगाम के आतंकवादी हमले के अपराधियों, आयोजकों और उन्हें समर्थन देने वालों को सजा दिलाना जरूरी है। गौरतलब है कि इस साल 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में आतंकियों ने 26 पर्यटकों से उनका धर्म पूछ कर उनको गोली मारकर हत्या कर दी थी।

इस हमले की निंदा और आतंकवाद के प्रायोजकों को सजा दिलाने की बात एससीओ के घोषणापत्र में शामिल किया जाना इसलिए अहम है क्योंकि इस साल जून में हुई एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान घोषणापत्र में पहलगाम हमले का जिक्र नहीं किया गया था। उसमें बलूचिस्तान की घटना का जिक्र था लेकिन पहलगाम का जिक्र नहीं था। इसे लेकर भारत ने नाराजगी जताई थी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस पर दस्तखत करने से इनकार कर दिया था।

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन दौरे के आखिरी दिन सोमवार को एससीओ की बैठक को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने आतंकवाद को दुनिया के लिए खतरा बताया। प्रधानमंत्री मोदी ने पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए इसे आतंकवाद का सबसे बुरा रूप बताया। उन्होंने कहा कि भारत आतंकवाद को पिछले चार दशकों से झेल रहा है। पाकिस्तान का नाम लिए बगैर प्रधानमंत्री ने सवालिया लहजे में कहा कि कुछ देशों का आतंकवाद को खुला समर्थन कैसे स्वीकार किया जा रहा है? एससीओ सम्मेलन की मेजबानी कर रहे चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग एससीओ देशों के लिए 281 मिलियन डॉलर का अनुदान देने की घोषणा की।

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