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  • एससीओ से बदली दुनिया की कथा

    एससीओ शिखर सम्मेलन से लेकर विक्टरी डे परेड तक यही जताया गया है कि दुनिया की वर्तमान कथा सिर्फ हताशा की नहीं है। बल्कि कहीं कुछ नया भी गढ़ा जा रहा है। 21वीं सदी का तीसरे दशक आते-आते ‘इतिहास के अंत’ की थीसीस का एंटी-थिसीस साकार रूप ले चुका है। अब आने वाले दशकों की कथा इसी नई थीसिस से प्रेरित होगी। संदेश यह है कि हम विश्व व्यवस्था के एक नए दौर में प्रवेश कर चुके हैं। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का तियानजिन शिखर सम्मेलन एक ऐतिहासिक मुकाम बना है। अंतरराष्ट्रीय सहयोग एवं विश्व व्यवस्था के संचालन के नए...

  • एससीओ का नया मुकाम

    एससीओ ने लगभग सर्व-सम्मति से ऐसे साझा घोषणापत्र को मंजूरी दी, जिसमें अमेरिका केंद्रित विश्व व्यवस्था से अलग नजरिया झलका है। मतभेद का एकमात्र बिंदु चीन की महत्त्वाकांक्षी योजना बीआरआई के समर्थन का रहा, जिस पर भारत सहमत नहीं हुआ। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की यात्रा में तिनजियान शिखर सम्मेलन एक नया मुकाम बना है। वहां एससीओ ने लगभग सर्व-सम्मति से ऐसे साझा घोषणापत्र को मंजूरी दी, जिसमें अमेरिका केंद्रित विश्व व्यवस्था से अलग नजरिया झलका है। मतभेद का एकमात्र बिंदु चीन की महत्त्वाकांक्षी योजना बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के समर्थन का रहा, जिस पर भारत सहमत नहीं हुआ।...

  • एससीओ में पहलगाम कांड की निंदा

    नई दिल्ली। चीन के तियानजिन में हुए शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ की बैठक में भारत को बड़ी कामयाबी मिली है। दो दिन के सम्मेलन के बाद जारी एससीओ के घोषणापत्र में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की निंदा की गई। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की मौजूदगी में सदस्य देशों ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की निंदा की। इतना ही नहीं एससीओ के घोषणापत्र में आतंकवादियों की मदद करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की बात कही गई। गौरतलब है कि भारत लगातार कहता रहा है कि पाकिस्तान आतंकवादियों को प्रश्रय देता है और उनकी...

  • अनेक विश्व नेताओं से मिले मोदी

    नई दिल्ली। चीन के शहर तियानजिन में हो रहे शंघाई शिखर सम्मेलन यानी एससीओ बैठक में शामिल होने गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मेलन से इतर अनेक विश्व नेताओं से मुलाकात की। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात सोमवार को होगी। सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी मौजूद थे। हालांकि उनसे प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात नहीं हुई। सम्मेलन के बाद इसमें शामिल हुए सभी देशों के प्रमुखों की सामूहिक तस्वीर में जरूर शहबाज शरीफ भी हैं। उस समय मोदी और शहबाज एक साथ मंच पर मौजूद थे। इस बार एससीओ सम्मेलन में 20 से...

  • एससीओ की बैठक में फिर धोखा!

    वैसे सवाल तो यह भी बनता है कि भारत ओवरऑल कैसी कूटनीति कर रहा है लेकिन चूंकि अभी विदेश मंत्री एस जयशंकर चीन के दौरे पर गए थे, जहां वे शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ की बैठक में शामिल हुए। विदेश मंत्री ने तियानजिन में हुए सम्मेलन में भाषण तो बहुत दिया और उसमें पहलगाम कांड का जिक्र भी किया। आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरुरत भी बताई और यह भी कहा कि एससीओ का गठन ‘आतंकवाद, अलगाववाद और चरमपंथ’ को रोकने के लिए हुआ था और इस संगठन को अपना स्टैंड लेना चाहिए। लेकिन इतना सब करने के...

  • एससीओ में भारत

    विदेश मंत्रियों की बैठक का मकसद 30 अगस्त से 1 सितंबर तक होने वाली एससीओ शिखर बैठक के एजेंडे एवं संयुक्त विज्ञप्ति को अंतिम रूप देना था। इसमें क्या प्रगति हुई, इस बारे में सार्वजनिक जानकारी नहीं दी गई है। चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में भारत ने आतंकवाद को इस संगठन के एजेंडे में केंद्रित स्थल पर लाने की वकालत की। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ध्यान दिलाया कि एससीओ का गठन आतंकवाद, अलगाववाद और चरमपंथ का मुकाबला करने के लिए हुआ था। उन्होंने पहलगाम में आतंकवादी हमले का जिक्र किया।...

  • एससीओ में जयशंकर ने आईना दिखाया

    नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ की बैठक में सदस्य देशों को आईना दिखाया। उन्होंने कहा कि एससीओ को आतंकवाद के मसले पर कठोर रुख अख्तियार करना होगा। चीन और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की मौजूदगी में जयशंकर ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का मुद्दा उठाया और कहा कि यह हमला अचानक नहीं हुआ था, बल्कि साजिश के तहत इस हमले को अंजाम दिया गया था, जिसका मकसद भारत में धार्मिक विभाजन बढ़ाना था। उन्होंने इसके जवाब में भारत की ओर से की गई सैन्य कार्रवाई को जायज ठहराते हुए उसका बचाव किया।...

  • मगर बात पहुंची कहां?

    भारत का जोर इस पर है कि सरहद से जुड़े मुद्दों को पहले हल किया जाए, तभी संबंध सुधार की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। इस बीच भारत की निगाह में व्यापार संबंधी चीन के “प्रतिबंधात्मक कदम” भी संबंध में रोड़ा बन गए हैं। विदेश मंत्री एस. जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने चीन गए हैं, तो वहां उनकी चीनी विदेश मंत्री वांग यी से द्विपक्षीय वार्ता भी हुई। इसके बाद दोनों पक्षों की तरफ से जो बताया गया, उससे यही संकेत मिला कि फिलहाल दोनों देश बातचीत जारी रहने को ही एक उपलब्धि मान...

  • विदेश मंत्री भी एससीओ के लिए चीन जाएंगे

    रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बाद अब विदेश मंत्री एस जयशंकर चीन जाएंगे और वह भी शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ की बैठक में हिस्सा लेने! सोचें, इसका क्या मतलब है? रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तीन दिन की यात्रा पर चीन गए थे, जहां वे किंगदाओ में एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक में शामिल हुए। इस बैठक के बाद ऐसा गतिरोध बना कि साझा बयान नहीं जारी हो सका। एससीओ के देशों ने जो साझा बयान तैयार किया था उसमें पहलगाम कांड का जिक्र नहीं था। उसकी बजाय पाकिस्तान के बलूचिस्तान में चल रही आजादी की लड़ाई को आतंकवाद...

  • एससीओ में नहीं जारी हुआ साझा बयान

    नई दिल्ली। शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ के रक्षा मंत्रियों की दो दिन की बैठक के बाद साझा बयान नहीं जारी हो सका। भारत ने इस पर दस्तखत करने से इनकार कर दिया क्योंकि इसमें पहलगाम कांड का जिक्र नहीं था और आतंकवाद को लेकर भारत की राय इसमें नहीं शामिल की गई थी। भारत के दस्तखत नहीं करने की वजह से साझा बयान नहीं जारी हुई। बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शामिल हुए थे। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ भी बैठक में शामिल हुए लेकिन राजनाथ सिंह ने पाकिस्तानी रक्षा मंत्री से मुलाकात नहीं की। रारजनाथ सिंह...

  • राजनाथ सिंह एससीओ बैठक के लिए चीन जाएंगे

    नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चीन की यात्रा पर जाएंगे। इस तरह सात साल के बाद भारत सरकार के किसी मंत्री का चीन दौरा होने जा रहा है। राजनाथ से 25 से 27 जून तक चीन के किंगदाओ शहर में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेंगे। बताया जा रहा है कि इस बैठक में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ भी शामिल होंगे। इससे पहले अप्रैल 2018 में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज चीन के दौरे पर गई थीं। गौरतलब है कि कई साल के तनाव के बाद भारत और...

  • अब औपचारिक अलगाव?

    संयुक्त बयान में कहीं उल्लेख नहीं किया गया कि भारत चर्चा का हिस्सा नहीं था। भारतीय विदेश मंत्रालय ने अलग से बयान जारी कर चर्चा से भारत की अनुपस्थिति और संयुक्त बयान से भारत की असहमति की जानकारी दी। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में भारत की असहजता बढ़ रही है, यह पहले से साफ था। दो साल पहले चीन की महत्त्वाकांक्षी परियोजना बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) को पूर्ण समर्थन देने के मुद्दे पर भारत इसमें अकेला पड़ गया था। तब जारी साझा बयान में समर्थन देने वाले देशों का नाम लेकर जिक्र किया गया। तभी बाकी देशों ने संकेत...

  • पाकिस्तान जाएंगे जयशंकर

    नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर इस महीने पाकिस्तान के दौरे पर जाएंगे। शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ की बैठक में हिस्सा लेने के लिए वे 15 अक्टूबर को दो दिन के दौरे पर पाकिस्तान जाएंगे। सुषमा स्वराज भारत की आखिरी विदेश मंत्री थीं, जो पाकिस्तान के दौरे पर गई थीं। 2015 में हुए उनके दौरे के नौ साल बाद भारत का कोई विदेश मंत्री पाकिस्तान जाएगा। हालांकि भारत और पाकिस्तान के बीच इस दौरान कोई दोपक्षीय वार्ता नहीं होगी। एससीओ एक बहुपक्षीय मंच है, जिसकी बैठक सदस्य देशों में होती है। इस बार इस्लामाबाद में पाकिस्तान की मेजबानी में...

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