एससीओ से बदली दुनिया की कथा
एससीओ शिखर सम्मेलन से लेकर विक्टरी डे परेड तक यही जताया गया है कि दुनिया की वर्तमान कथा सिर्फ हताशा की नहीं है। बल्कि कहीं कुछ नया भी गढ़ा जा रहा है। 21वीं सदी का तीसरे दशक आते-आते ‘इतिहास के अंत’ की थीसीस का एंटी-थिसीस साकार रूप ले चुका है। अब आने वाले दशकों की कथा इसी नई थीसिस से प्रेरित होगी। संदेश यह है कि हम विश्व व्यवस्था के एक नए दौर में प्रवेश कर चुके हैं। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का तियानजिन शिखर सम्मेलन एक ऐतिहासिक मुकाम बना है। अंतरराष्ट्रीय सहयोग एवं विश्व व्यवस्था के संचालन के नए...