नई दिल्ली। पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले और उसके बात हुई सैन्य कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सरकार और कांग्रेस के बीच विवाद जारी है। अब कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी से चार सवाल पूछे हैं। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी से पूछा कि उनकी अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक कब होगी? कांग्रेस ने यह भी पूछा कि सरकार ने संसद का विशेष सत्र तो नहीं बुलाया लेकिन क्या मानसून सत्र में पहलगाम कांड और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर चर्चा होगी? कांग्रेस ने पहलगाम की घटना को अंजाम देने वाले आतंकवादियों को पकड़ने के बारे में भी सवाल पूछा।
कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने बुधवार को कहा, ‘32 देशों की यात्रा से लौटे सात डेलिगेशन के 51 नेताओं से प्रधानमंत्री का मिलना ठीक है। यह उनका विशेषाधिकार है और ये कोई आश्चर्य की बात नहीं है। लेकिन हमारे पास केवल चार आसान सवाल हैं। हम चाहते हैं कि पीएम इन सवालों का जवाब दें। इसके बाद उन्होंने पहला सवाल सर्वदलीय बैठक को लेकर किया। रमेश ने पूछा, ‘प्रधानमंत्री सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता कब करेंगे? पार्टियों के सांसदों से नहीं, बल्कि नेताओं से कब मिलेंगे? पहलगाम आतंकी हमले के बाद सामने आई भीतरी और बाहरी सुरक्षा चुनौतियों पर इन लीडर्स को कब विश्वास में लेंगे’?
इसके उन्होंने दूसरा सवाल किया, ‘कारगिल युद्ध के बाद हमारे पास एक कारगिल समीक्षा समिति थी। क्या सिंगापुर में सीडीएस के खुलासे के बाद भी ऐसी ही कवायद होगी? क्या समीक्षा होगी? क्या कोई विश्लेषण होगा? क्या कोई रिपोर्ट होगी? क्या इसे संसद में पेश किया जाएगा’? उनका तीसरा सवाल था, ‘क्या प्रधानमंत्री मानसून सत्र के दौरान भीतरी और बाहरी सुरक्षा चुनौतियों, चीन, पाकिस्तान, नई तकनीकी चुनौतियों, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बार-बार किए दावों वाली चुनौतियों पर पूरे दो दिन चर्चा की अनुमति देंगे देंगे’।
रमेश का चौथा सवाल है, ‘पहलगाम आतंकी हमले को अंजाम देने वाले आतंकी अभी भी आजाद हैं। उन्हें न्याय के कटघरे में नहीं लाया गया है। वे 23 दिसंबर को पुंछ हमले के लिए जिम्मेदार थे। वे 24 अक्टूबर को गगनगीर के लिए जिम्मेदार थे। वे 24 अक्टूबर को गुलमर्ग में शामिल थे। ये सभी रिपोर्ट हैं, जिनका खंडन नहीं किया गया है। तो इन पहलगाम के आतंकवादियों को न्याय के कटघरे में कब लाया जाएगा? इसके अलावा कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना यानी मनरेगा को तीन आसान चरणों में खत्म कर रही है।