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भाजपा का काम कर रहा चुनाव आयोग- कांग्रेस

belagavi adhiveshan 

नई दिल्ली। कांग्रेस ने चुनाव आयोग के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लोकतंत्र को खत्म करने की एक कार्रवाई बताया। कहा कि भारतीय जनता पार्टी तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए निर्वाचन आयोग काम कर रहा है।

पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में यह फैसला किया गया कि एसआईआर के विषय पर दिल्ली के रामलीला मैदान में दिसंबर के पहले सप्ताह में एक रैली आयोजित की जाएगी। पार्टी मुख्यालय ‘इंदिरा भवन’ में खरगे ने उन 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रभारियों, राज्य इकाई प्रमुखों, कांग्रेस विधायक दल के नेताओं और सचिवों के साथ समीक्षा बैठक की, जहां मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की कवायद जारी है।

इस बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) प्रभारियों, प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रमुखों, कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता तथा सचिव भी शामिल हुए।

बैठक ऐसे समय में हुई जब कांग्रेस को हालिया बिहार विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है और वह कथित वोट चोरी के खिलाफ मुहिम चलाए हुए है। सूत्रों का कहना है कि बैठक के दौरान एसआईआर की प्रक्रिया को लेकर कई सवाल उठाए गए और कहा गया कि इसका राजनीतिक, संगठनात्मक और कानूनी रूप से मुकाबला किया जाना चाहिए।

कांग्रेस अघ्यक्ष खरगे ने  कहा, “ऐसे समय में जब लोकतांत्रिक संस्थाओं में जनता का विश्वास पहले से ही कम हो रहा है, एसआईआर प्रक्रिया के दौरान निर्वाचन आयोग का आचरण बेहद निराशाजनक रहा है। आयोग को साबित करना होगा कि वह भाजपा की छाया में काम नहीं कर रहा है और उसे अपनी संवैधानिक शपथ तथा भारत के लोगों के प्रति निष्ठा याद है—किसी सत्तारूढ़ दल के प्रति नहीं।”

उन्होंने कहा, “इसलिए हमारे कार्यकर्ता, बीएलओ और जिला/शहर/ब्लॉक अध्यक्ष लगातार सतर्क रहेंगे। हम वास्तविक मतदाताओं को हटाने या फर्जी मतदाताओं को जोड़ने के हर प्रयास का पर्दाफाश करेंगे, चाहे वह कितना भी सूक्ष्म क्यों न हो।”

बैठक के बाद कांग्रेस के संगठन महासचिव के. सी. वेणुगोपाल ने संवाददाताओं से कहा, “कांग्रेस की प्रदेश इकाइयों में आम धारणा यह है कि निर्वाचन आयोग जानबूझकर समाज के कुछ वर्गों के वोट खत्म करने की कोशिश कर रहा है। एसआईआर प्रक्रिया का मूल उद्देश्य कुछ को लक्षित करके उनके नाम मतदाता सूची से हटाना है। हमने बिहार में भी ऐसा देखा है और अब वे इसे 12 राज्यों में लागू करने की योजना बना रहे हैं।”

उन्होंने बताया कि आयोग ने सोमवार को असम के लिए एक अलग विशेष पुनरीक्षण (एसआर) की घोषणा की है, जिसमें बीएलए की कोई भूमिका नहीं होगी।

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