नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जब मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और प्रधानमंत्री को आपराधिक मामलों में गिरफ्तारी पर हटाने के लिए लाए जा रहे विधेयक लोकसभा में पेश किए तो विपक्षी सांसदों ने इसकी कॉपी फाड़ कर पुर्जे उड़ाए। कई सांसदों ने कागज फाड़ कर उनके गोले बनाए और गृह मंत्री की ओर फेंके। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी बिल की कॉपी फाड़ी। पेश करने के बाद बिल को संयुक्त संसदीय समिति के पास भेज दिया गया।
इन विधेयकों में प्रावधान है कि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या कोई भी मंत्री किसी ऐसे अपराध में गिरफ्तार होता है या 30 दिन तक हिरासत में रहता है, जिसमें पांच साल या उससे अधिक की सजा हो तो उसे पद से हटा दिया जाएगा। इससे पहले सूचना व प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ऑनलाइन मनी गेम्स पर पूरी तरह से पाबंदी लगाने वाले ऑनलाइन गेमिंग प्रमोशन और रेगुलेशन बिल, 2025 पेश किया। विपक्षी सांसदों ने इन चारों विधेयकों पर चर्चा से इनकार कर दिया और हंगामा किया।
विपक्षी पार्टियों ने बुधवार को भी बिहार की मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के मामले पर हंगामा जारी रखा। बहरहाल, तीनों विधेयकों पर विपक्ष के विरोध पर सवाल उठाते हुए भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘विपक्ष किसका विरोध कर रहा है, नैतिकता का या भ्रष्टाचार का? आखिरकार, भारतीय राजनीति में अगर हम नैतिकता के आधार पर और भ्रष्टाचार के खिलाफ इस्तीफा देने की बात करते हैं, और फिर कानून बनाने की बात करते हैं, तो विपक्ष इसका विरोध क्यों करता है’?