नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उच्चस्तरीय बैठक में सुरक्षा बलों को पहलगाम में आतंकी हमले के जवाब में कार्रवाई का तरीका, लक्ष्य और समय तय करने की छूट दी है। इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, तीनों सेनाओं के प्रमुख और प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान सहित देश के आला शीर्ष रक्षा अधिकारी थे
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने सशस्त्र बलों को पूरी अभियानगत छूट देते हुए कहां है कि “आतंकवाद को करारा जवाब देना हमारा राष्ट्रीय संकल्प है।” प्रधानमंत्री ने सेनाओं पर भरोसा जताते हुए दो टूक कहा कि उन्हें जवाबी कार्रवाई के तरीके, निशाने और समय के निर्धारण की पूरी आज़ादी है।
बैठक में पहलगाम हमले के बाद संभावित जवाबी कदमों पर विचार हुआ। ध्यान रहे 22 अप्रैल को बैसरन क्षेत्र में हुए हमले के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने इस हमले को देश की संप्रभुता पर सीधी चोट बताते हुए आतंकियों और उनके सरपरस्तों को “पृथ्वी के अंतिम छोर तक” पीछा करने और उन्हें “उनकी कल्पना से परे” कड़ी से कड़ी सजा देने का आह्वान किया है। “
प्रधानमंत्री की कठोर टिप्पणियों और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर उनकी सरकार के कड़े रुख के कारण भारत की ओर से करारी जवाबी कार्रवाई की उम्मीदें बढ़ गई हैं। मोदी सरकार ने 2016 में उरी में सेना के जवानों पर आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के अंदर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ की थी। उसने पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले को निशाना बनाए जाने के बाद पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकवादी ठिकानों पर हवाई हमला किया था।
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कदम उठाए हैं, जिनमें पड़ोसी देश के साथ सिंधु जल संधि को स्थगित करना भी शामिल है।