नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के सीजफायर के बाद दुनिया के लिए एक और अच्छी खबर है। संभव है कि गुरुवार, 15 मई को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की आमने सामने की मुलाकात हो। गौरतलब है कि पुतिन ने यूक्रेन के सामने सीधी बातचीत का प्रस्ताव रखा था, जिसे जेलेंस्की ने स्वीकार कर लिया है। अगर दोनों नेता गुरुवार को तुर्किए की राजधानी इस्तांबुल में मिलते हैं तो छह साल में यह उनकी पहली मुलाकात होगी।
इससे पहले जेलेंस्की ने पुतिन से सीधी बातचीत का प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और साथ ही पुतिन को व्यक्तिगत रूप से मिलने की चुनौती दी। जेलेंस्की ने कहा, ‘मैं गुरुवार को तुर्किए में पुतिन का निजी तौर पर इंतजार करूंगा’। गौरतलब है कि पुतिन ने 11 मई को यूक्रेन के साथ सीधी बातचीत का प्रस्ताव रखा था। पुतिन ने कहा था कि वे 15 मई को इस्तांबुल में जेलेंस्की से बात कर सकते हैं।
वार्ता के प्रस्ताव को स्वीकारर करते हुए जेलेंस्की ने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि पुतिन 30 दिन के सीजफायर पर सहमति दे देंगे। हालांकि, पुतिन पहले ही इस प्रस्ताव को खारिज कर चुके हैं। जेलेंस्की का यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि पुतिन तुर्किए में जेलेंस्की से मिलना चाहते हैं। ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा था, ‘रूस के राष्ट्रपति पुतिन यूक्रेन के साथ सीजफायर समझौता नहीं करना चाहते हैं, बल्कि 15 मई को तुर्किए में मिलना चाहते हैं, जिसमें जंग रोकने के लिए बातचीत की जा सके। यूक्रेन को तुरंत इस पर सहमत होना चाहिए’। पुतिन और जेलेंस्की 2019 में सिर्फ एक बार मिले हैं। युद्ध की शुरुआत में दोनों नेताओं के बीच बातचीत की कोशिश हुई थी मगर वो सफल नहीं हो सकी।