नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सात महीने बाद भारत में अमेरिकी राजदूत की नियुक्ति का फैसला किया है। ट्रंप ने अपने बेहद करीबी सर्जियो गोर को नई दिल्ली में अमेरिका का राजदूत नियुक्त किया है। बताया जाता है कि ट्रंप और इलॉन मस्क के बीच संबंध विच्छेद में गोर भी एक कारण थे। बहरहाल, शुक्रवार को उनको भारत के राजदूत के साथ साथ दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के लिए विशेष दूत की जिम्मेदारी भी सौंपी गई।
अमेरिका में सर्जियो गोर को दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी इलॉन मस्क और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच झगड़ा शुरू कराने वाला माना जाता है। मस्क ने नाराज होकर गोर को सांप तक कह दिया था। सर्जियो लंबे समय से ट्रंप परिवार के भरोसमंद रहे हैं। पहले वे ट्रंप से जुड़े कार्यक्रमों को मॉनिटर करते थे और ट्रंप से मुलाकातें तय कराते थे। इसलिए अमेरिकी मीडिया उन्हें ट्रंप का ‘गेटकीपर’ भी कहता है। माना जा रहा है कि गोर भारत में ‘अमेरिका फर्स्ट’ एजेंडे को आगे बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान ट्रंप के लिए फंड जुटाने में भी बड़ी भूमिका निभाई। वे ट्रंप की ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति के कट्टर समर्थक हैं।
गोर को भारत के राजदूत की जिम्मेदारी मिलने पर राष्ट्रपति ट्रंप ने खुशी जताई है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘गोर ने एरिक गार्सेटी की जगह ली है’। गार्सेटी मई 2023 से जनवरी 2025 तक भारत में अमेरिका के राजदूत रहे। ट्रंप ने भारत में अमेरिकी राजदूत की नियुक्ति सात महीने की देरी से की है। इससे पहले ट्रंप ने चीन सहित कई देशों में पिछले साल के अंत में चुनाव नतीजों के बाद ही राजदूत नियुक्त कर दिया था। गोर को ऐसे समय भारत में अमेरिका का राजदूत बनाया जा रहा है जब टैरिफ को लेकर अमेरिका से विवाद चल रहा है। दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता भी स्थगित हो गई है।