नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को समय रैना सहित पांच हास्य कलाकारों को दिव्यांगजनों के बारे में असंवेदनशील चुटकुले बनाने पर अपने यूट्यूब चैनलों और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर माफ़ी जारी करने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने यह आदेश एसएमए क्योर फाउंडेशन की एक याचिका पर दिया। इस याचिका में समय रैना, विपुल गोयल, बलराज परमजीत सिंह घई, सोनाली ठक्कर, सोनाली आदित्य देसाई और निशांत जगदीश तंवर के आपत्तिजनक चुटकुलों को चिन्हित किया गया था। संगठन ने अदालत से हास्य के नाम पर दिव्यांगजनों का मज़ाक उड़ाने से रोकने के लिए दिशानिर्देश भी मांगे थे। पीठ ने कहा कि हालांकि इन हास्य कलाकारों ने खेद व्यक्त किया है, लेकिन माफ़ी की मात्रा उससे हुए नुकसान के अनुरूप होनी चाहिए। न्यायमूर्ति कांत ने टिप्पणी करते हुए कहा, ‘पश्चाताप की मात्रा, अपमान की मात्रा से ज़्यादा होनी चाहिए।’
अदालत ने यह भी कहा कि वह अगली सुनवाई में हास्य कलाकारों को दिए जाने वाले दंड पर फैसला करेगी। भारत के महान्यायवादी, आर. वेंकटरमणी ने अदालत को सूचित किया कि ऐसी चिंताओं के समाधान के लिए मसौदा दिशानिर्देश, रिकॉर्ड में रखे जाएंगे, साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि हास्य पर ‘पूरी तरह से रोक’ लगाना संभव नहीं है।