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मोदी ने राहुल पर किया तंज

Congress Is Planning Religion Based Reservation In Country Modi

कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के रायबरेली सीट से नामांकन करने के बाद उनके ऊपर तंज किया। राहुल गांधी के ‘डरो मत’ नारे का इस्तेमाल करते हुए मोदी ने कहा कि राहुल वायनाड में हार के डर से रायबरेली लड़ने पहुंचें हैं। आगे मोदी ने राहुल से कहा- ‘डरो मत भागो मत’। प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल में तीन सभाएं कीं और रामंदिर से लेकर रामनवमी और वोट जिहाद से लेकर संदेशखाली में हुई हिंसा के मुद्दे पर भाषण दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के बर्धमान दुर्गापुर, कृष्णानगर और बोलपुर में सभा की। उन्होंने भाषण में पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार के कामकाज पर तो सवाल उठाया ही लेकिन साथ ही संदेशखाली की घटना, राममंदिर, रामनवमी, वोट जिहाद आदि मुद्दों पर बोले और ममता व उनकी पार्टी को कठघरे में खड़ा किया।

मोदी ने कहा- तृणमूल कांग्रेस के एक विधायक कहते हैं, हिंदुओं को भागीरथी में बहा देंगे। ये कौन सी भाषा बोल रहे हैं। बंगाल सरकार ने यहां हिंदुओं को दोयम दर्जे का नागरिक बनाकर रख दिया है। उन्होंने संदेशखाली के तीन में से एक आरोपी के मुस्लिम होने का मुद्दा खासतौर से उठाया और कहा- संदेशखाली में दलित बहनों के साथ अत्याचार हो रहा था और यहां की सरकार आरोपी को बचाने में लगी हुई थी। वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि उसका नाम शाहजहां शेख है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- विपक्ष के लोग दो चरण की वोटिंग के बाद मोदी के खिलाफ वोट जिहाद कर रहे हैं। जिहाद का मतलब देश की जनता अच्छे से समझती है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में एक प्रचार के दौरान कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद की एक रिश्तेदार ने वोट जिहाद की बात कही थी। बहरहाल, प्रधानमंत्री ने राहुल पर हमला करते हुए कहा- शहजादे को वायनाड से हार का डर है, इसलिए अमेठी से भागकर रायबरेली पहुंचे। वे सबको कहते हैं- डरो मत। मैं उनसे कहता हूं- डरो मत…भागो मत।

प्रधानमंत्री मोदी के अलावा भाजपा के अन्य नेताओं ने भी राहुल गांधी पर हमला किया। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि गांधी परिवार एक बार जहां चुनाव हार जाता है वहां दोबारा नहीं जाता। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने तंज करते हुए कहा- मेहमानों का स्वागत है। हम लोग अतिथियों के स्वागत में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने आगे कहा- अमेठी से गांधी परिवार का न लड़ना, इस बात का संकेत है कि कांग्रेस पार्टी चुनाव में वोट पड़ने से पहले ही अमेठी से अपनी हार स्वीकार कर चुकी है। अगर उन्हें लगता कि यहां जीत की कोई भी गुंजाइश हो, तो वे यहां से लड़ते।

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