Naya India-Hindi News, Latest Hindi News, Breaking News, Hindi Samachar

राम मंदिर की लहर नहीं: राहुल

गुवाहाटी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दावा किया है कि देश में राम मंदिर की कोई लहर नहीं है। अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के एक दिन बाद मंगलवार को राहुल ने कहा कि यह भाजपा का राजनीतिक कार्यक्रम था और देश में कोई लहर नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि अयोध्या में सोमवार को जो हुआ वह एक राजनीतिक कार्यक्रम था, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शो किया। राहुल ने मीडिया से बातचीत में यह भी कहा कि असम में उनकी भारत जोड़ो न्याय यात्रा में बाध पैदा करने का जितना प्रयास किया जा रहा है उससे उनकी यात्रा को उतना ही प्रचार मिल रहा है।

गौरतलब है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान असम में कई विवाद हुए हैं। उनकी यात्रा के काफिले पर दो बार हमला होने की खबर है तो सोमवार को उनको एक मंदिर में जाने से रोक दिया गया। इतना ही नहीं मंगलवार को शहर के मुख्य रास्ते से उनकी यात्रा को निकलने से रोक दिया गया। इसे लेकर राहुल ने कहा कि इससे उनकी यात्रा का प्रचार हो रहा है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वे मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा के धमकाने वाले कदमों से डरने वाले नहीं हैं।

राहुल से पूछा गया कि राम मंदिर की लहर से मुकाबला करने की उनके पास क्या योजना है, तो उन्होंने कहा- ऐसी कोई बात नहीं है कि लहर है। यह भाजपा का राजनीतिक कार्यक्रम था। नरेंद्र मोदी जी ने फंक्शन किया, शो किया। वो सब ठीक है, अच्छी बात है। लेकिन हम स्पष्ट हैं कि देश को मजबूत बनाने के लिए पांच न्याय की योजना हमारे पास है। यह हम आपके सामने रखेंगे।

राहुल गांधी ने कहा- इस यात्रा के पीछे न्याय का विचार है। इसमें न्याय के पांच स्तंभ हैं- युवा न्याय, भागीदारी, नारी न्याय, किसान न्याय और श्रमिक के लिए न्याय। ये पांच स्तंभ देश को शक्ति देंगे। कांग्रेस अगले एक-डेढ़ महीने में इन्हें जनता के सामने रखेगी। असम में कुछ जगहों पर यात्रा में बाधा से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा- असम के मुख्यमंत्री जो कर रहे हैं, उससे यात्रा को फायदा हो रहा है। जो प्रचार हमें नहीं मिलता, वो मिल रहा है। उसमें असम के मुख्यमंत्री और शायद उनके पीछे अमित शाह हमारी मदद कर रहे हैं। असम में आज मुख्य मुद्दा यात्रा बन गया है। उन्होंने आगे जोर देकर कहा- हम इनसे डरते नहीं है। हमारा संदेश गांव-गांव में जा रहा है।

Exit mobile version