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स्टेट बैंक ने सौंपा चुनावी बॉन्ड का ब्योरा

electronic bond

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की फटकार और समय सीमा तय करने के बाद भारतीय स्टेट बैंक ने चुनावी बॉन्ड का पूरा ब्योरा चुनाव आयोग को सौंप दिया है। बताया जा रहा है कि मंगलवार को शाम साढ़े पांच बजे स्टेट बैंक ने चुनाव आयोग को ब्योरा सौंपा। एक दिन पहले सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट बैंक को शाम पांच बजे तक का समय दिया था। इससे पहले स्टेट बैंक ने सर्वोच्च अदालत से 30 जून तक का समय देने की मांग की थी, जिसे अदालत ने सोमवार को खारिज कर दिया था।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक चुनाव आयोग स्टेट बैंक की ओर से मिला पूरा ब्योरा 15 मार्च तक अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर देगा। इस तरह चुनावी बॉन्ड की खरीद और बिक्री से जुड़े सारे आंकड़े चुनाव आयोग के जरिए सार्वजनिक किए जाएंगे। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका देने वाली संस्थाओं का मानना है कि ब्योरा सार्वजनिक होने से पता चलेगा कि किसने कितने रुपए का बॉन्ड खरीदा और किस पार्टी को दिया। इससे मिलीभगत का भी पता चलने की संभावना जताई जा रही है।

इस बीच चुनावी बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखी है। इसमें कहा कि सरकार राष्ट्रपति के जरिए कानूनी राय हासिल करे और तब तक सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अमल न हो। बहरहाल, चुनावी बॉन्ड की जानकारी देने से जुड़े केस में स्टेट बैंक की याचिका पर सोमवार यानी 11 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने करीब 40 मिनट सुनवाई की थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट बैंक से कहा था कि वह 12 मार्च को शाम पांच बजे तक चुनावी बॉन्ड की खरीद और बिक्री से जुड़े सारे आंकड़े चुनाव आयोग को सौंपे।

इससे पहले स्टेट बैंक ने कोर्ट से कहा था कि बॉन्ड से जुड़ी जानकारी देने में उसे कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन इसके लिए कुछ समय चाहिए। इस पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने पूछा- पिछली सुनवाई से अब तक 26 दिनों में आपने क्या किया? गौरतलब है कि, सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने 15 फरवरी को चुनावी बॉन्ड की बिक्री पर रोक लगा दी थी। साथ ही 12 अप्रैल 2019 से अब तक खरीदे गए चुनावी बॉन्ड की जानकारी छह मार्च तक चुनाव आयोग को देने का निर्देश दिया था। लेकिन चार मार्च को स्टेट बैंक ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर इसकी जानकारी देने के लिए 30 जून तक का वक्त मांगा था।

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