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बिहार के 55 लाख मतदाताओं के नाम कटेंगे?

नई दिल्ली। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण में 55 लाख नाम गलत पाए गए हैं। इनमें मृतक, राज्य से बाहर गए और दोहराए गए नाम शामिल हैं। आयोग ने आज शाम जारी एक विज्ञप्ति में कहा कि सूची में दर्ज एक लाख नाम ऐसे हैं जिनमें मतदाताओं से सम्पर्क नहीं किया जा सका है।

आयोग ने कहा है कि पुनरीक्षण के पहले चरण में मतदाताओं से गणना-फार्म भरवाने की प्रक्रिया की अंतिम तिथि अब नजदीक है तथा सूची के 98.01 प्रतिशत मतदाताओं के फार्म प्राप्त हो चुके हैं या उनके बारे में सूचना मिल चुकी है। 15 लाख मतदाताओं ने अब तक गणना फॉर्म नहीं भरा है। अंतिम तिथि नजदीक है। आयोग 1 अगस्त को नयी पुनरीक्षित सूची का मसौदा जारी करेगा।

आयोग के अनुसार अब तक 15 लाख मतदाताओं ने अपने गणना-फार्म भर कर वापस नहीं किए हैं जबकि इसके लिए केवल दो दिन का समय बाकी है। इन्हीं भरे हुए फार्मों के आधार पर आयोग पहली अगस्त को प्रदेश की नयी पुनरीक्षित मतदाता सूची का मसौदा जारी करने वाला है। आयोग ने कहा है कि बिहार के 7.17 करोड़ मतदाताओं (90.89 प्रतिशत) के फॉर्म डिजिटल रूप में उसके पोर्टल पर चढ़ाए जा चुके हैं ।

आयोग ने कहा है कि गहन पुनरीक्षण के प्रथम चरण में प्राथमिक तौर पर ग़लत रूप से सम्मिलित सभी मतदाताओं की सूची और अब तक फ़ार्म ना भरने वालों की सूची को बिहार के सभी 12 प्रमुख राजनैतिक दलों के ज़िला अध्यक्षों द्वारा नामित 1.5 लाख बूथ लेवल एजेंट्स से 20 जुलाई को साझा किया जा चुका है। ऐसे मतदाता जो इस समय अस्थायी रूप से बिहार के बाहर प्रवास कर रहे हैं, और अगर वे कहीं और के मतदाता नहीं बने हैं तो, अपना फ़ार्म उसकी बेबसाइट या मोबाइल ऐप ईसीआईनेट पर भर सकते हैं, या प्रिंट कर सकते हैं। ऐसे मतदाता अपना प्रिंटेड फ़ार्म भरकर अपने परिवार के माध्यम से भी बीएलओ तक भेज सकते हैं, या अपना प्रिंटेड फ़ार्म भरकर, हस्ताक्षर करके बीएलओ के फ़ोन पर व्हाट्सएप कर सकते हैं ।

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