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  • बंगाल में उलटी गंगा बह रही है

    पूरे देश में विपक्षी पार्टियां आरोप लगा रही हैं कि भारतीय जनता पार्टी और चुनाव आयोग की मिलीभगत से फर्जी वोटर बनवाए जा रहे हैं और असली मतदाताओं के नाम काटे जा रहे हैं। बिहार में मतदाता सूची से विशेष गहन पुनरीक्षण का विरोध इस आधार पर किया गया कि चुनाव आयोग ने योग्य मतदाताओं के नाम काट दिए हैं। पूरे देश में एसआईआर का विरोध इसी आधार पर किया जा रहा है। महाराष्ट्र से लेकर कर्नाटक तक राहुल गांधी ने फर्जी मतदाताओं से वोट करा कर भाजपा को जिताने का आरोप लगाया है। लेकिन पश्चिम बंगाल में उलटी गंगा...

  • केरल में एक करोड़ वोट कटने का डर

    बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर का विरोध करने वाले संगठनों और बिहार की पार्टियों का कहना है कि उन्होंने विरोध किया, सड़क पर लड़े और कानूनी लड़ाई लड़ी इसलिए 69 लाख नाम कटे हैं अन्यथा डेढ़ करोड़ से ज्यादा नाम काटने की योजना थी। पार्टियों का कहना है कि एसआईआर की घोषणा से पहले चुनाव आयोग से मुलाकात हुई थी, जिसमें मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा था कि बिहार में 20 फीसदी वोट कटेगा। 20 फीसदी वोट का मतलब करीब एक करोड़ 60 लाख वोट है। उस समय मतदाता सूची में सात करोड़...

  • आखिर तक पर्दादारी!

    सवाल नहीं उठते, अगर निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व आदेश की भावना के अनुरूप जारी मतदाता सूची में नाम जोड़ने या काटने की वजह भी बता दी होती। मगर आयोग ने यह नहीं किया, तो बात फिर अदालत पहुंची। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के क्रम में निर्वाचन आयोग ने ऐसी हर कोशिश की है, जिससे लोग उसके इरादे पर शक करें! उसने हर कदम पर पारदर्शिता से परहेज किया। उनमें से कई कोशिशें नाकाम हुईं, तो उसका पूरा श्रेय सर्वोच्च न्यायालय और जागरूक नागरिकों को दिया जाएगा। पहले की सुनवाइयों में सुप्रीम कोर्ट...

  • बिहार में 69 लाख नाम कटे

    पटना। चुनाव आयोग ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर के बाद बिहार की अंतिम मतदाता सूची जारी कर दी है। इसमें कुल 69 लाख नाम काटे गए हैं। चुनाव आयोग ने एसआईआर के बाद मसौदा सूची में 65 लाख 64 हजार से कुछ ज्यादा नाम काटे थे। उसके बाद एक महीने की दावा व आपत्ति अवधि थी, जिसमें तीन लाख 66 हजार से कुछ ज्यादा नाम काटे गए। इस तरह बिहार की मतदाता सूची से 69 लाख से कुछ अधिक नाम कट गए हैं। लेकिन साथ ही 21.53 लाख नए नाम जुड़े हैं। चुनाव आयोग की ओर...

  • वोटों की गिनती का नियम बदला

    नई दिल्ली। मतदाता सूची में नाम जोड़ने या कटवाने के नियम में बदलाव के एक दिन बाद चुनाव आयोग ने वोटों की गिनती के नियमों में बदलाव किया है। आयोग ने कहा है कि अब पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी होने के बाद ईवीएम के आखिरी राउंड की गिनती होगी। अभी तक का नियम यह था कि पोस्टस बैलेट की गिनती पहले शुरू होती थी लेकिन आधे घंटे के बाद ईवीएम की गिनती शुरू होने के बाद दोनों की गिनती साथ साथ चलती रहती थी। अब अगर पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी नहीं हुई होगी तो ईवीएम की आखिरी राउंड...

  • कांग्रेस का मतदाता सूची में लाखों गड़बड़ी का दावा

    पटना। कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया है कि बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर में लाखों गड़बड़ियां हुई हैं। कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके चुनाव आयोग पर हमला किया है और कहा है कि बिहार में लाखों विसंगितयां पाई गईं हैं फिर भी आयोग कह रहा है कि पार्टियों ने कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है। वोटर अधिकार यात्रा के समापन से एक दिन पहले एसआईआर से जुड़ी गंभीर विसंगतियों पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के मीडिया एवं प्रचार विभाग के चेयरमैन पवन खेड़ा ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। उन्होंने कहा...

  • कितने घुसपैठियों के नाम डिलीट हुए हैं?

    बिहार में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर को लेकर विरोध प्रदर्शन चल रहा है। विपक्षी पार्टियां संसद नहीं चलने दे रही हैं और उधर राहुल गांधी व तेजस्वी यादव बिहार में इसके खिलाफ यात्रा कर रहे हैं। इस बीच सत्तापक्ष की ओर से दावा किया जा रहा है कि विपक्षी पार्टियां घुसपैठियों के दम पर चुनाव जीतना चाहती हैं इसलिए वे एसआईआर का विरोध कर रही हैं। भाजपा के कई प्रवक्ताओं ने दिल्ली में यह दावा किया। बिहार और दूसरे राज्यों के बड़े नेता तो यह दावा कर ही रहे हैं। इससे ऐसा लग रहा...

  • गहराता हुआ अविश्वास

    डीएमके और उसके साथी दलों का इल्जाम है कि केंद्र में सत्ताधारी भाजपा तमिलनाडु की जनसंख्या का स्वरूप बदलना चाहती है। वह वहां हिंदीभाषी लोगों को लाकर बसाना चाहती है, ताकि वहां उसकी राजनीतिक जड़ें गहरी हो सकें।  बिहार में मतदाता सूची के हुए विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर सुलगते विवाद की आंच तमिलनाडु तक पहुंच गई है। बिहार में विपक्ष की शिकायत है कि वहां लाखों ऐसे मजदूरों को मताधिकार से वंचित कर दिया गया है, जो रोजी-रोटी की तलाश में दूसरे राज्यों में जाकर काम करते हैँ। जबकि बड़ी संख्या में ऐसे मजदूर चुनाव के वक्त वोट डालने...

  • तेजस्वी का नाम कटने का विवाद

    पटना। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के बाद जारी मसौदा मतदाता सूची को  लेकर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने दावा किया कि उनका और उनकी पत्नी राजलक्ष्मी का नाम मतदाता सूची से कट गया है। हालांकि बाद में चुनाव आयोग ने कहा कि दोनों का नाम मतदाता सूची में है। पटना के कलेक्टर ने भी उनका नाम मतदाता सूची में होने की पुष्टि की। हालांकि तेजस्वी और उनकी पत्नी के वोटर आईकार्ड का इपिक नंबर बदल गया है। तेजस्वी ने इस पर सवाल उठाया है। इससे पहले तेजस्वी...

  • बिहार में मतदाता सूची का मसौदा जारी

    नई दिल्ली। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के बाद मतदाता सूची का मसौदा जारी कर दिया गया है। शुक्रवार को चुनाव आयोग ने इसे जारी किया और लोगों से अपनी आपत्तियां दर्ज कराने को कहा। बताया गया है कि चुनाव आयोग ने अपने अधिकारियों को लगाया है कि वे आम मतदाताओं की मदद करें ताकि उन्हें जरूरी दस्तावेज हासिल हो सकें। बहरहाल, आयोग ने शुक्रवार को सभी 38 जिलों के कलेक्टरों और राजनीतिक पार्टियों से मतदाता सूची का मसौदा साझा किया। मसौदा मतदाता सूची चुनाव आयोग की वेबसाइट पर डाल दी गई है। लोग इसमें अपना नाम ...

  • बड़ी संख्या में नाम कटे तो अदालत दखल देगी

    नई दिल्ली। बिहार में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान यानी एसआईआर को लेकर सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई हुई। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि अगर किसी जीवित व्यक्ति को मरा हुआ दिखा कर उसका नाम काट दिया गया है तो उसकी जानकारी अदालत को दी जाए, तब अदालत तत्काल कार्रवाई करेगी। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने कहा कि अगर बड़ी संख्या में लोगों के नाम कटते हैं तो अदालत इस मामले में दखल देगी। इसके साथ ही सर्वोच्च अदालत ने यह भी कहा कि 12 अगस्त से बिहार में चल रहे मतदाता...

  • बिहार मतदाता सूची पर सुप्रीम कोर्ट से राहत

    नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को बिहार में मसौदा मतदाता सूची के प्रकाशन पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि वह मामले में स्थायी निपटारा करेगी और 29 जुलाई को सुनवाई की रूपरेखा तय की जाएगी। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा कि “हम अब कोई अंतरिम आदेश नहीं देंगे। हम पूरे मामले का अंतिम निर्णय देंगे।” गैर-सरकारी संगठन (NGO) की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने दलील दी कि मसौदा सूची पर फिलहाल रोक लगाई जानी चाहिए ताकि बिना जांच-पड़ताल के लोगों को सूची से न हटाया जाए। उन्होंने...

  • बिहार के 55 लाख मतदाताओं के नाम कटेंगे?

    नई दिल्ली। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण में 55 लाख नाम गलत पाए गए हैं। इनमें मृतक, राज्य से बाहर गए और दोहराए गए नाम शामिल हैं। आयोग ने आज शाम जारी एक विज्ञप्ति में कहा कि सूची में दर्ज एक लाख नाम ऐसे हैं जिनमें मतदाताओं से सम्पर्क नहीं किया जा सका है। आयोग ने कहा है कि पुनरीक्षण के पहले चरण में मतदाताओं से गणना-फार्म भरवाने की प्रक्रिया की अंतिम तिथि अब नजदीक है तथा सूची के 98.01 प्रतिशत मतदाताओं के फार्म प्राप्त हो चुके हैं या उनके बारे में सूचना मिल चुकी है। 15...

  • आधार अब किसी चीज का प्रमाणपत्र नहीं!

    चुनाव आयोग ने बिहार में मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण अभियान शुरू किया है। इस अभियान का मकसद मतदाता सूची से मतदाताओं के नाम काटना है। अब तक चुनाव आयोग मतदाता सूची नाम जोड़ने और ज्यादा से ज्यादा मतदान करने के लिए अभियान चलाता था। पहली बार है, जब इतने बड़े पैमाने पर नाम काटने का अभियान चल रहा है। जाहिर है इसका राजनीतिक उद्देश्य है। लेकिन किसी पार्टी के राजनीतिक उद्देश्य को पूरा करने के लिए चलाए गए अभियान ने चुनाव आयोग को पूरी तरह से एक्सपोज कर दिया है। इस अभियान को जस्टिफाई करने के लिए चुनाव आयोग...

  • मतदाता सूची के पुनरीक्षण को अदालत में चुनौती

    नई दिल्ली। बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर के बाद अब बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राजद भी अदालत में पहुंची है। राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने चुनाव आयोग के अभियान को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। उधर राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन ने इस मामले को लेकर नौ जुलाई को पूरे बिहार में चक्का जाम का ऐलान भी किया है। चुनाव आयोग का कहना है कि मतदाता पुनरीक्षण का काम पारदर्शिता के लिए जरूरी है और 22...

  • अगली बारी बंगाल की, तृणमूल बेचैन है

    बिहार के बाद मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण की बारी पश्चिम बंगाल की होगी। तभी पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस बहुत बेचैन है। ममता बनर्जी ने कोलकाता में इसे लेकर लगातार दो दिन बयान दिए हैं तो उनकी पार्टी के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन और सागरिका घोष ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बिहार में शुरू हुए मतदाता सूची के पुनरीक्षण अभियान पर सवाल उठाया। दोनों ने इसे अलोकतांत्रिक बताया और कहा कि इतने कम समय में चुनाव आयोग कैसे इस काम को पूरा करेगा। ध्यान रहे तेजस्वी यादव ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया था कि 2003 में जब...

  • मतदाता सूची के पुनरीक्षण का मकसद

    बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम शुरू हो गया है। 25 जून से 26 जुलाई तक यानी एक महीने तक यह अभियान चलेगा। इस दौरान चुनाव कार्यालय के कर्मचारी और बूथ लेवल के अधिकारी यानी बीएलओ घर घर जाकर मतदाताओं का सत्यापन करेंगे। कोई 20 साल के बाद बिहार में मतदाता सूची का इतना गहन पुनरीक्षण हो रहा है। लेकिन इसके साथ ही इसे लेकर सवाल उठने लगे हैं। पहला सवाल इसकी टाइमिंग का है और सत्यापन के लिए निर्धारित की गई समय सीमा का है। ध्यान रहे बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक आ गया है। चार महीने...

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