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तेजस्वी का नाम कटने का विवाद

पटना। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के बाद जारी मसौदा मतदाता सूची को  लेकर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने दावा किया कि उनका और उनकी पत्नी राजलक्ष्मी का नाम मतदाता सूची से कट गया है। हालांकि बाद में चुनाव आयोग ने कहा कि दोनों का नाम मतदाता सूची में है। पटना के कलेक्टर ने भी उनका नाम मतदाता सूची में होने की पुष्टि की। हालांकि तेजस्वी और उनकी पत्नी के वोटर आईकार्ड का इपिक नंबर बदल गया है। तेजस्वी ने इस पर सवाल उठाया है।

इससे पहले तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘बीएलओ आई थीं और हमारा सत्यापन करके गई हैं। फिर भी मतदाता सूची में नाम नहीं है’। यह दावा करने के बाद उन्होंने चुनाव आयोग से पूछा कि ‘अब मैं चुनाव कैसे लड़ूंगा’। प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी यादव ने लाइव प्रदर्शन किया और चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपना नाम चेक किया। उन्होंने अपना वोटर आईडी कार्ड जारी किया और मतदाता सूची में अपना नाम देखने के लिए इपिक नंबर डाला, जिसके रिजल्ट में लिखा आया, ‘नो रिकॉर्ड्स फाउंड’।

हालांकि थोड़ी देर के बाद पटना के कलेक्टर त्यागराजन ने दीघा विधानसभा क्षेत्र के बूथ संख्या 204 में दीघा के पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के पुस्तकालय भवन के मतदान केंद्र पर तेजस्वी और उनकी पत्नी का नाम होने का दावा किया। उन्होंने बताया कि क्रमांक संख्या 416 पर तेजस्वी यादव और 445 पर उनकी पत्नी राजश्री का नाम है। दोनों की तस्वीर भी लगी है।

मतदाता सूची में नाम होने की जानकारी मिलने के बाद तेजस्वी यादव ने इपिक नंबर का मामला उठाया और कहा, ‘सबसे पहली बात तो इपिक नंबर बदलता नहीं, कैसे बदला, क्यों बदला? अगर मेरा बदल सकता है तो कितने लोगों का EPIC नंबर बदला होगा… यह साजिश है वोटरों के नाम काटने की’। तेजस्वी ने कहा ‘कई आईएएस अधिकारी भी ट्विट कर रहे हैं कि उनके नाम कट गए। चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि बूथ वाइज डेटा दे कि किसकी मृत्यु हो गई है, उनका इपिक नंबर क्या है, उनका बूथ नंबर क्या है। अगर कोई दूसरे राज्य में चला गया है तो उसकी डिटेल दे, आप इसे क्यों छिपा रहे हैं’।

By NI Desk

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