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दिल्ली में दम दिखाएंगे मध्यप्रदेश के नेता

bjp president

भोपाल। दिन प्रतिदिन दिल्ली विधानसभा का चुनाव दिलचस्प होता जा रहा है। पिछले कुछ वर्षों से आप पार्टी को घेरने में जुटी भाजपा इस बार के चुनाव में पूरी दमखम के साथ मैदान में डटी है। कांग्रेस पार्टी भी अपनी उपस्थिति दर्ज करना चाह रही है। दोनों ही दलों के प्रदेश के कुछ चुनिंदा नेताओं की ड्यूटी दिल्ली चुनाव में लगाई गई है जहां भी पूरे दम खम के साथ मोर्चा संभाले हुए हैं।

दरअसल महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव में मध्यप्रदेश के नेताओं ने जिस तरह से चुनावी मोर्चा संभाला था उसी को देखते हुए दिल्ली की प्रतिष्ठा वाली लड़ाई में प्रदेश के नेताओं का उपयोग भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल कर रहे हैं। भाजपा ने बहुत पहले से दिल्ली में जमीनी जमावट करना शुरू कर दी थी उसके लगभग 20 विस्तारक पिछले 6 महीने से दिल्ली में डेरा डाले हुए इन विस्तारको ने 6 महीने में दिल्ली की एक-एक गली घूम कर दिल्ली की तासीर का पता कर लिया है। उम्मीदवारों के चयन से लेकर पूरे चुनावी अभियान में इन विस्तारको की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। भाजपा और संघ से जुड़े पदाधिकारी इन विस्तारको से फीडबैक लेकर चुनावी रणनीति बना रहे यही रणनीति महाराष्ट्र और हरियाणा में पार्टी ने अपनाई थी।

बहरहाल, प्रदेश के कुछ नेताओं को भी दिल्ली में जिम्मेदारी सौंपी गई है। मसलन भाजपा की ओर से पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा को दक्षिण दिल्ली में सक्रिय किया गया है जहां कि लगभग एक दर्जन विधानसभा क्षेत्र में नरोत्तम मिश्रा चुनावी कमान संभालेंगे। दूसरी ओर कांग्रेस की ओर से पूर्व मंत्री प्रदेश कांग्रेस संगठन के उपाध्यक्ष प्रियव्रत सिंह भी दिल्ली में सक्रिय है वे पिछले एक महीने से दिल्ली में है और 6 फरवरी के बाद ही भोपाल लौटेंगे और इसके बाद ही वह प्रदेश कांग्रेस के संगठन उपाध्यक्ष का कार्य देखेंगे।

पिछले चुनाव की अपेक्षा दिल्ली में परिस्थितियों बदली हुई है। आप पार्टी के अधिकांश नेता विवादों में रहे हैं जेल गए हैं जिससे उनकी जमावट प्रभावित हुई है जबकि भाजपा लगातार बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं को तैयार करने में जुटी रही।

कुल मिलाकर दिलचस्प होते दिल्ली के चुनाव में प्रदेश के नेता दिल्ली पहुंच गए हैं और पूरी दम खम के साथ चुनावी कमान सभाल ली है और भी नेता दो-तीन दिन में दिल्ली पहुंचेंगे। आप पार्टी जहां स्थानीय नेताओं के भरोसे चुनाव लड़ रही है। वहीं भाजपा और कांग्रेस अन्य राज्यों के साथ-साथ मध्यप्रदेश के नेताओं को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देकर चुनावी मैदान में उतार दिया है।

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