Naya India-Hindi News, Latest Hindi News, Breaking News, Hindi Samachar

ओडिशा और पंजाब में दूसरे के सहारे राजनीति

भाजपा

Lok Sabha election 2024

भारतीय जनता पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से घोषित 370 सीट के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अपनी दो सहयोगी पार्टियों की घर वापसी कराने की जी तोड़ कोशिश की। वह ओडिशा में बीजू जनता दल को एनडीए में लाना चाहती थी और पंजाब में अकाली दल से बातचीत हो रही है। Lok Sabha election 2024

लेकिन दोनों प्रयास विफल हो गए हैं। अंत समय में बीजद और अकाली दल ने अकेले लड़ने का ऐलान कर दिया। मजबूरी में भाजपा को भी इन राज्यों में अकेले लड़ना पड़ रहा है। ध्यान रहे ओडिशा में पिछली बार भारतीय जनता पार्टी को छप्पर फाड़ सीटें मिली थीं। वह राज्य में 21 में से आठ सीटों पर जीत गई थी। अकेले लड़ कर उसे आठ सीटें बचाने की चुनौती मिल गई है तो पंजाब में अपनी जीती हुई दो सीटें बचाने की भी उसे चिंता हो रही है। Lok Sabha election 2024

यह​ भी पढ़ें: भाजपा के अधिकांश टिकट दलबदलुओं को!

भाजपा ने पहले तालमेल की योजना बनाई थी लेकिन उसका प्लान बी था कि अगर तालमेल नहीं होता है तो दूसरी पार्टियों के बड़े नेताओं के सहारे चुनाव लड़ा जाए। इसलिए उसने तालमेल की संभावना खत्म होते ही दूसरी पार्टियों के नेताओं को ज्वाइन कराना शुरू कर दिया। अकाली दल के पीछे हटने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने आम आदमी पार्टी के राज्य के इकलौते लोकसभा सांसद सुशील कुमार रिंकू को अपनी पार्टी में शामिल कराया। वे पिछले साल जालंधर सीट पर हुए उपचुनाव में जीते थे। वे पहले कांग्रेस में थे, जहां से आप में गए और अब भाजपा में चले गए हैं। वे भाजपा की टिकट पर जालंधर सीट से लड़ेंगे।

यह​ भी पढ़ें: ओडिशा और पंजाब में दूसरे के सहारे राजनीति

इसी तरह भाजपा ने कांग्रेस के दो बड़े नेताओं को ज्वाइन कराया है। पहले पटियाला की सांसद परनीत कौर भारतीय जनता पार्टी में गईं और अब लुधियाना के सांसद रवनीत सिंह बिट्टू भी भारतीय जनता पार्टी में चले गए हैं। सबको पता है कि पटियाला में राज परिवार यानी कैप्टेन अमरिंदर सिंह के परिवार का असर है और परनीत कौर के भारतीय जनता पार्टी की टिकट से लड़ने से वहां भाजपा की अच्छी स्थिति रह सकती है।

यह​ भी पढ़ें: मुकाबला बढ़ रहा है!

इसी तरह रवनीत सिंह बिट्टू राज्य के मुख्यमंत्री रहे दिवंगत बेअंत सिंह के पोते हैं। बेअंत सिंह की मौत आतंकवादी हमले में हुई थी। सो, आतंकवाद पर अपने सख्त स्टैंड की वजह से बिट्टू की लोकप्रियता है और तभी वे 2014 में आनंदपुर साहिब और 2019 में लुधियाना से चुनाव जीते। सो, भारतीय जनता पार्टी उम्मीद कर रही है कि वह दूसरी पार्टियों के तीन सांसदों को मैदान में उतार कर तीन सीटों पर अच्छी लड़ाई बना सकती है।

इसी तरह विदेश सेवा के पूर्व अधिकारी और अमेरिका में भारत के राजदूत रहे तरनजीत सिंह संधू को भी भाजपा में ज्वाइन कराया गया है। वे अमृतसर सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। सन्नी देओल की जगह गुरदासपुर से भारतीय जनता पार्टी किसी दूसरे फिल्म स्टार को उतारने की योजना बना रही है।

यह​ भी पढ़ें: भाजपा बिहार में क्यों चिंतित है?

इसी तरह ओडिशा में भाजपा ने तालमेल टूटने के बाद बीजू जनता दल के दिग्गज नेता भर्तृहरि महताब को अपनी पार्टी में शामिल करा लिया है। वे आजाद भारत में ओडिशा के पहले मुख्यमंत्री रहे हरेकृष्ण महताब के बेटे हैं। वे कटक सीट से छह बार सांसद रहे हैं। इस बार कटक में भाजपा उन पर दांव लगा रही है।

इसी तरह बीजू जनता दल छोड़ कर कई साल पहले भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत पांडा को भी भाजपा ने उनकी पारंपरिक केंद्रपाड़ा सीट से फिर उम्मीदवार बनाया है। भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी रही अपराजिता सारंगी पिछली बार वीआरएस लेकर भाजपा की टिकट से भुवनेश्वर से लड़ी थीं और जीती थीं। इस बार भी वे चुनाव लड़ रही हैं।

यह​ भी पढ़ें: क्या वैश्य भाजपा से नाराज हैं?

Exit mobile version