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राष्ट्रपति के बाद उप राष्ट्रपति का झारखंड कनेक्शन

यह गजब संयोग है कि राष्ट्रपति के बाद उप राष्ट्रपति का भी झारखंड कनेक्शन निकल आया है। उप राष्ट्रपति पद के लिए भाजपा की ओर से घोषित एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन झारखंड के राज्यपाल थे। वे फरवरी 2023 से जुलाई 2024 तक राज्यपाल रहे थे और राज्य की हेमंत सोरेन सरकार के साथ ठीक ठाक संबंध रहा था। हालांकि उनके राज्यपाल रहते ही राजभवन में तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का इस्तीफा हुआ था और उनको गिरफ्तार किया गया था। वे राजभवन से गिरफ्तार हुए थे। झारखंड के बाद राधाकृष्णन को महाराष्ट्र का राज्यपाल बना कर भेजा गया। उनका उप राष्ट्रपति होना तय माना जा रहा है।

मौजूदा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी झारखंड की राज्यपाल रही हैं। उनके नाम सबसे लंबे समय तक झारखंड का राज्यपाल रहने का रिकॉर्ड है। वे 2015 से 2021 तक यानी छह साल तक राज्यपाल रही थीं। इस दौरान भाजपा की भी सरकार रही और हेमंत सोरेन के नेतृत्व में जेएमएम की भी सरकार रही। 2022 के राष्ट्रपति चुनाव में जब भाजपा ने उनको उम्मीदवार बनाया तो विपक्षी गठबंधन से अलग हट कर हेमंत सोरेन की पार्टी ने आदिवासी अस्मिता के नाम पर द्रौपदी मुर्मू को वोट किया था। कांग्रेस के भी कई विधायकों ने उनके पक्ष में मतदान किया। ध्यान रहे पिछले दिनों जब झारखंड के सबसे बड़े आदिवासी नेता शिबू सोरेन बीमार होकर दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में भर्ती हुए तो राष्ट्रपति उनका हालचाल लेने गई  थीं और जब उनका निधन हुआ तब भी अस्पताल में जाकर उन्होंने शिबू सोरेन के श्रद्धांजलि दी। बहरहाल, उप राष्ट्रपति के इस बार के चुनाव में झारखंड के राज्यपाल रहे एक और नेता रमेश बैस के नाम की भी चर्चा हो रही थी।

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