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नीतीश लाड़ले हैं पर चेहरा नहीं हैं

चुनाव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे से बिहार की राजनीति और इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कई चीजें साफ हो गई हैं। हालांकि कुछ और चीजों पर स्पष्टता की उम्मीद थी लेकिन वह नहीं हुई है। जैसे यह लग रहा था कि प्रधानमंत्री की बातों से कुछ ऐसा संकेत मिलेगा, जिससे यह अंदाजा लगेगा कि चुनाव जल्दी हो रहा है .या समय पर। लेकिन ऐसा कोई संकेत नहीं मिला। उनकी बिहार यात्रा से पहले जनता दल यू के नेता और राज्य सरकार के वरिष्ठ मंत्री विजय चौधरी ने कह दिया था कि बिहार चुनाव के लिए तैयार है और अब चुनाव आयोग को तय करना है कि कब चुनाव होगा।

बहरहाल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के भागलपुर में सोमवार, 23 फरवरी को रैली की। कोई 22 हजार करोड़ रुपए की परियोजनाओं का उद्घाटन या शिलान्यास हुआ। परंतु जिस बात पर सबकी नजर थी उस पर प्रधानमंत्री चुप रहे। उन्होंने बिहार के चुनाव में मुख्यमंत्री पद की दावेदारी पर कुछ नहीं कहा। जदयू के नेता उम्मीद कर रहे थे कि प्रधानमंत्री ऐलान करेंगे कि एनडीए नीतीश कुमार के चेहरे पर लड़ेगा। वे अमित शाह के बयान से पैदा हुई अनिश्चितता पर विराम चाहते थे।

गौरतलब है कि अमित शाह ने एक मीडिया समूह के कार्यक्रम में कह दिया था कि बिहार के मुख्यमंत्री का फैसला चुनाव के बाद होगा। अब जदयू के लोग चाहते हैं कि एनडीए की ओर से नीतीश कुमार का चेहरा घोषित किया जाए। प्रधानमंत्री मोदी ने भागलपुर में नीतीश कुमार की मौजूदगी में उनकी तारीफ की। उनको अपना लाड़ला मुख्यमंत्री बताया। लेकिन यह नहीं कहा कि एनडीए उनके चेहरे पर चुनाव लड़ेगा और जीतने पर नीतीश ही मुख्यमंत्री होंगे। इससे जदयू के नेताओं की चिंता बढ़ी है।

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