बिहार में विधानसभा के चुनाव हैं और उससे पहले चुनाव लड़ने या राजनीतिक दलों के साथ जुड़ने की होड़ मची है। इस होड़ में बिहार के आईपीएस अधिकारी सबसे आगे हैं। पहले भी प्रशासनिक या पुलिस सेवा के अधिकारी राजनीति से जुड़ते रहे हैं और कामयाब भी हुए हैं। अभी ही केंद्र सरकार में एस जयशंकर से लेकर हरदीप पुरी और अश्विनी वैष्णव से लेकर अर्जुन मेघवाल तक कितने ही पूर्व अधिकारी बड़े मंत्री हैं। बिहार में भी ऐसी कई मिसालें हैं।
आश्चर्यजनक रूप से इस बार के चुनाव से पहले आईएएस अधिकारियों की राजनीति में दिलचस्पी कम दिख रही है। विदेश सेवा के अधिकारी रहे मनोज भारती पिछले दिनों प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी में शामिल हुए और पार्टी के अध्यक्ष बने। पवन कुमार वर्मा पहले से उनके साथ जुड़े हैं।
बिहार में वीआरएस लेकर राजनीति में उतरते आईपीएस अधिकारी
पुलिस सेवा के अधिकारियों की बात करें तो बिहार के रहने वाले और असम काडर के आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा ने वीआरएस लिया है और प्रशांत किशोर की पार्टी से जुड़े हैं। वे पिछला लोकसभा चुनाव भी बक्सर सीट से लड़े थे। तब प्रशांत किशोर की पार्टी नहीं बनी थी। ऐसे ही बिहार के चर्चित आईपीएस अधिकारी शिवदीप लांडे ने वीआरएस ले लिया है और हिंद सेना नाम से अपनी पार्टी बना कर सभी 243 सीटों पर लड़ने का ऐलान किया है।
एक और चर्चित अधिकारी विकास वैभव सामाजिक संगठन बना कर इंस्पायर बिहार अभियान चला रहे हैं। उनकी भी राजनीतिक महत्वाकांक्षा है लेकिन अभी उन्होंने नौकरी नहीं छोड़ी है। पिछले दिनों एक अन्य आईपीएस अधिकारी नुरूल होदा ने वीआरएस लिया है और मुकेश सहनी की विकासशाली इंसान पार्टी से जुड़े हैं।
दिल्ली में चर्चित पुलिस अधिकारी रहे बीके सिंह पहले से मुकेश सहनी की पार्टी से जुड़े हैं। बिहार की महिला आईपीएस और लेडी सिंघम के नाम से मशहूर काम्या मिश्रा ने इस्तीफा दे दिया है। वे सिर्फ 22 साल की उम्र में आईपीएस बनीं और 28 साल में नौकरी छोड़ दी। उनके भी नीतीश कुमार की पार्टी से चुनाव लड़ने की चर्चा थी लेकिन इस्तीफा मंजूर होने के बाद से उनकी कोई खास खोज खबर नहीं है।
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