यह लाख टके का सवाल है कि आखिर बिहार में कांग्रेस और राजद के अंदर कौन लोग हैं, जिनको पप्पू यादव और कन्हैया कुमार से डर लगता है? बुधवार को पटना की सड़कों पर विपक्षी गठबंधन ने प्रदर्शन किया। प्रदेश के अलग अलग हिस्सों में ट्रेनें रोकी गईं और सड़कों पर परिवहन को रोका गया। पटना में सबसे ज्यादा भीड़ जुटाई पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने। उन्होंने प्रदर्शन के पूरे रास्ते को कांग्रेस के झंडे से पाट दिया। राजद के लोग भी हैरान थे कि इतने कांग्रेसी कहां से आ गए, जो झंडा लेकर पटना की सड़कों पर निकले हैं। यह पप्पू यादव का करिश्मा था। लेकिन उनको न तो खुली जीप में चढ़ने दिया गया और न सभा की जगह पर मंच पर जगह दी गई। उलटे जब वे राहुल गांधी और तेजस्वी के नजदीक जाने की कोशिश कर रहे थे तो उनको धक्के मार कर गिरा दिया गया।
कमोबेश ऐसा ही हाल कन्हैया कुमार का भी रहा। पिछले दिनों उन्होंने बिहार में ‘नौकरी दो पलायन रोको’ यात्रा निकाली थी और मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने पहुंचे थे। उन्होंने कांग्रेस में जान फूंकी लेकिन उनको भी राहुल व तेजस्वी के साथ कहीं भी जगह नहीं दी गई। बाद में खबर आई कि राहुल गांधी इस बात से नाराज हुए कि क्योंकि पप्पू यादव के साथ बदतमीजी हुई। हालांकि यह भी बाद की खबर है। उस समय उन्होंने भी नहीं खोजा कि निर्दलीय सांसद पप्पू यादव कांग्रेस के साथ हैं और उनको मंच पर होना चाहिए। जानकार सूत्रों का कहना है कि लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव अब भी पप्पू यादव और कन्हैया दोनों को लेकर आशंकित हैं। उनको लगता है कि ये दोनों आने वाले दिनों में तेजस्वी के लिए चुनौती बन सकते हैं। तभी वे हर जगह इन दोनों को रोकते हैं। तेजस्वी ने पूर्णिया में पप्पू यादव को हराने में पूरी ताकत लगा दी थी। लेकिन कामयाबी नहीं मिली। यह भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस के कई नेता भी इन दोनों के बढ़ते कद से परेशान हैं। इसलिए उन्होंने राजद से मिल कर पप्पू यादव और कन्हैया दोनों को नीचे ही रूकवा दिया।