Naya India-Hindi News, Latest Hindi News, Breaking News, Hindi Samachar

उपचुनावों से आप को मिली ताकत

उपचुनाव के नतीजों से अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को बड़ी ताकत मिली है। यह ताकत सिर्फ लुधियाना वेस्ट की सीट जीतने से नहीं मिली है, बल्कि गुजरात की विसावदर सीट फिर से जीत लेने से ज्यादा मिली है। गुजरात का नतीजा सबको हैरान करने वाला है और भाजपा से ज्यादा कांग्रेस के लिए चिंता की बात है। गौरतलब है कि गुजरात की दो सीटों पर उपचुनाव हुए थे। उनमें से एक विसावदर सीट आम आदमी पार्टी की थी। उसके विधायक भूपेंद्र भयानी के इस्तीफे से खाली हुई थी। भयानी 2022 के चुनाव में इस सीट पर जीते थे और बाद में पाला बदल कर भाजपा में चले गए थे। हालांकि भाजपा ने भयानी को उम्मीदवार नहीं बनाया था। भाजपा की ओर से किरीट पटेल चुनाव लड़े थे और आप ने गोपाल इटालिया को उम्मीदवार बनाया था। इस प्रतिष्ठा की लड़ाई में गोपाल इटालिया ने भाजपा के किरीट पटेल को 17 हजार से ज्यादा वोट के बड़े अंतर से चुनाव हराया। गुजरात प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री का राज्य है, जहां पिछले चुनाव में भाजपा को ऐतिहासिक बहुमत मिला। लेकिन उपचुनाव में वह सीट नहीं हासिल कर सकी। भाजपा के लिए यह सीट बड़ी पहेली बनी है। वह 2007 से इस सीट पर हार रही है।

गुजरात की विसावदर सीट का नतीजा भाजपा से ज्यादा कांग्रेस के लिए चिंता का सबब है। कांग्रेस ने इस सीट पर नितिन रनपरिया को उम्मीदवार बनाया था। लेकिन उनकी जमानत जब्त हो गई। कांग्रेस के उम्मीदवार को सिर्फ पांच हजार से कुछ ज्यादा वोट आया। आप के गोपाल इटालिया 76 हजार वोट लेकर जीते। सोचें, कांग्रेस ने बड़े धूमधाम से शक्ति सिंह गोहिल को प्रदेश अध्यक्ष बनाया। राहुल गांधी पिछले तीन महीने से गुजरात में मेहनत कर रहे हैं। कांग्रेस ने गुजरात में अधिवेशन किया। राहुल ने गुजरात में ही यह आरोप लगाया कि कांग्रेस संगठन में कई लोग हैं, जो भाजपा के लिए काम करते हैं और उनको पहचान करके हटाने की घोषणा भी की। और उसके बाद पहले चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार की जमानत जब्त हो गई। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि खुद राहुल ने मतदाताओं के मन में कांग्रेस के प्रति संदेह पैदा कर दिया है। इसलिए उनका रूझान आप की ओर दिखा। यह आने वाले समय में कांग्रेस के लिए बड़ी चिंता का सबब है। हालांकि कडी सीट पर कांग्रेस जरूर दूसरे स्थान पर रही।

आम आदमी पार्टी को पंजाब की लुधियाना वेस्ट सीट पर भी जीत मिली है। इस सीट पर केजरीवाल ने अपने राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा को चुनाव लड़ाया था। अब उनको मंत्री बनाया जाएगा और उनके इस्तीफे से खाली हुई राज्यसभा सीट पर अरविंद केजरीवाल उच्च सदन में जाएंगे। दिल्ली में आम आदमी पार्टी विधानसभा का चुनाव हार गई थी और खुद केजरीवाल भी हार गए थे। अगर वे राज्यसभा में जाते हैं तो इससे उनके नेतृत्व पर उठ रहे सवाल भी बंद होंगे और राज्यसभा में उनकी मौजूदगी से आम आदमी पार्टी को ताकत मिलेगी। वहां आप के 10 सांसद हैं। इसलिए केजरीवाल वहां से राष्ट्रीय राजनीति कर सकेंगे। इस नतीजे से पंजाब में आम आदमी पार्टी में टूट फूट और सरकार की अस्थिरता को लेकर जो सवाल उठ रहे थे वे भी थम जाएंगे। गौरतलब है कि लुधियाना वेस्ट सीट पर आप के संजीव अरोड़ा ने कांग्रेस के भारत भूषण आशु को हराया।

Exit mobile version