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  • उपचुनावों से आप को मिली ताकत

    उपचुनाव के नतीजों से अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को बड़ी ताकत मिली है। यह ताकत सिर्फ लुधियाना वेस्ट की सीट जीतने से नहीं मिली है, बल्कि गुजरात की विसावदर सीट फिर से जीत लेने से ज्यादा मिली है। गुजरात का नतीजा सबको हैरान करने वाला है और भाजपा से ज्यादा कांग्रेस के लिए चिंता की बात है। गौरतलब है कि गुजरात की दो सीटों पर उपचुनाव हुए थे। उनमें से एक विसावदर सीट आम आदमी पार्टी की थी। उसके विधायक भूपेंद्र भयानी के इस्तीफे से खाली हुई थी। भयानी 2022 के चुनाव में इस सीट पर जीते थे...

  • कांग्रेस को केरल से सांत्वना

    कांग्रेस पार्टी को उपचुनावों में केरल से सांत्वना मिली है। बाकी जगह उसकी बुरी दशा रही है। गुजरात की विसावदर सीट पर उसके उम्मीदवार को साढ़े पांच हजार वोट मिले और जमानत जब्त हो गई। गुजरात की ही कडी सीट पर कांग्रेस दूसरे स्थान पर रही और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार के जमानत जब्त हो गई। लेकिन कडी में भी कांग्रेस करीब 40 हजार वोट से हारी। लुधियाना वेस्ट की सीट पर कांग्रेस के भारत भूषण आशु चुनाव हार गए तो पश्चिम बंगाल की कालीगंज सीट पर कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही। वहां तृणमूल का उम्मीदवार जीता और भाजपा...

  • उपचुनावों से न बनेगा, न बिगड़ेगा!

    एकाध अपवादों को छोड़ दें तो आमतौर पर उपचुनावों का देश या राज्य की राजनीति पर कोई खास असर नहीं होता है। जबलपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव में शरद यादव की जीत या बिहार की वैशाली लोकसभा सीट पर उपचुनाव में लवली आनंद की जीत या झारखंड में तमाड़ विधानसभा सीट पर शिबू सोरेन की हार आदि कुछ अपवाद हैं। बाकी उपचुनाव आमतौर पर रूटीन के अंदाज में लड़े जाते हैं और सहज ही उसके फैसले भुला दिए जाते हैं। परंतु इस बार ऐसा नहीं है। इस बार 10 राज्यों की 31 विधानसभा सीटों और एक लोकसभा सीट पर बुधवार,...