दिल्ली में आम आदमी पार्टी के चुनाव हार कर सरकार से बाहर होने के बाद ऐसा लग रहा था कि कांग्रेस के लिए स्पेस बन सकता है। यह भी लग रहा था कि दिल्ली में हारने और खासकर पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल के भी हार जाने के बाद पार्टी का ग्राफ गिरेगा, जिससे कांग्रेस को दिल्ली के साथ साथ पंजाब और गुजरात में भी अपनी कोई हुई जमीन हासिल करने में मदद मिलेगी। लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी को सरकार से बाहर हुए छह महीने होने जा रहे हैं और कांग्रेस अपने लिए जगह नहीं बना पा रही है और न आप की कमजोरी का फायदा उठा पा रही है। उलटे गुजरात में विसावदर सीट पर उपचुनाव में आप की जीत ने कांग्रेस की मुश्किल और बढ़ा दी है।
ऐसा लग रहा है कि आप के हारने का कांग्रेस कोई लाभ नहीं उठा पाए इसके प्रयास भाजपा कर रही है। यह भी कह सकते हैं कि कांग्रेस को रोकने के लिए भाजपा और आप आपस में लड़ाई बना रहे हैं। यह स्थिति दिल्ली से लेकर पंजाब और गुजरात सब जगह देखने को मिल रही है। गौरतलब है कि गुजरात की विसावदर सीट से आप के विधायक ने पार्टी छोड़ दी थी और पाला बदल कर भाजपा में चले गए थे। उसी वजह से उपचुनाव की नौबत आई। जैसे ही उस सीट के उपचुनाव में आप जीती वैसे ही उसके एक और विधायक ने पार्टी छोड़ दी। कहा जा रहा है कि वे भी भाजपा में जा रहे हैं। इस तरह गुजरात में ऐसा लग रहा है, जैसे भाजपा और आप एक दूसरे के प्रतिद्वंद्वी हैं। उपचुनाव में हार के बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल ने इस्तीफा दे दिया। ऊपर से राहुल गांधी कह चुके हैं कि उनकी पार्टी के लोग भाजपा के लिए काम कर रहे हैं। आप को इसका भी फायदा मिल रहा है।
पंजाब में भाजपा कोई ताकत नहीं है। लेकिन लुधियाना वेस्ट की विधानसभा सीट पर उपचुनाव में भाजपा तीसरे स्थान पर रही। उसने अकाली दल को अच्छे खासे अंतर से चौथे स्थान पर कर दिया। वहां भी आम आदमी पार्टी की सरकार भाजपा से लड़ रही है। पंजाब के एक नेता हैं रंजीत सिंह गिल, जो पहले अकाली दल में थे। वे रियल इस्टेट के बड़े कारोबारी हैं। वे जब तक अकाली दल में थे उनके ऊपर कोई कार्रवाई नहीं हुई लेकिन पिछले दिनों वे जैसे ही पाला बदल कर भाजपा के साथ पंजाब सरकार के विजिलेंस विभाग ने उनके यहां छापा मार दिया। हरियाणा और पंजाब दोनों राज्यों के भाजपा नेता मिल कर गिल को पार्टी में ले आए हैं लेकिन भाजपा में जाते ही उनके यहां छापे की कार्रवाई हुई है। अब भाजपा के नेता वहां खुल कर आप सरकार के खिलाफ लड़ रहे हैँ। सोचें, आप के नेता केंद्र पर सबसे ज्यादा एजेंसियों के दुरुपयोग के आरोप लगाते हैं।
बहरहाल, गुजरात और पंजाब की तरह दिल्ली में भी आम आदमी पार्टी से भाजपा की लड़ाई जारी है। हर दिन भाजपा की प्रदेश सरकार की ओर से आप की पिछली सरकार के मंत्रियों या नेताओं के खिलाफ कोई न कोई मुकदमा दर्ज किया जाता है या कोई न कोई पुरानी फाइल निकाली जाती है। शराब घोटाले और क्लासरूम घोटाले के बाद अब दिल्ली की भाजपा सरकार ने अस्पताल निर्माण, सीसीटीवी खरीद और शेल्टर निर्माण में घोटाले का आरोप लगाया है और मुकदमा दर्ज कराया है। आम आदमी पार्टी के नेता मान रहे हैं कि उनके ऊपर जितने मुकदमे होंगे उतना ही उनके लिए सहानुभूति होगी और जनता के बीच यह मैसेज जाएगा कि हार कर भी आप ही भाजपा के लिए चुनौती है।