यह संयोग है या कोई प्रयोग, इसका पता तो बाद में चलेगा लेकिन अभी पश्चिम बंगाल के बाद केरल के लोगों पर अत्याचार की खबर आई है और वह भी दिल्ली में। गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पिछले कुछ दिनों से कई बार आरोप लगा चुकी हैं कि दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र यानी एनसीआर में बांग्ला बोलने वाले लोगों पर अत्याचार हो रहा है और वहां से निकाला जा रहा है। बिल्कुल इसी तरह का आरोप केरल में सत्तारूढ़ लेफ्ट डेमोक्रेटिक अलायंस की ओर से लगाया जा रहा है। सीपीएम के सांसद जॉन ब्रिटास ने यह आरोप लगाया है।
जॉन ब्रिटास ने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर सतीश गोलचा को चिट्ठी लिख कर शिकायत की है। उन्होंने कहा है कि दिल्ली पुलिस ने केरल के दो लोगों को पकड़ कर उनको प्रताड़ित किया। उनकी शिकायत के मुताबिक दो लोगों को पुलिस ने बंधक बनाया और उन पर अत्याचार किया। ब्रिटास का आरोप है कि दोनों को हिंदी बोलने के लिए मजबूर किया गया और केरल की पारंपरिक वेशभूषा यानी लुंगी पहनने के कारण निशाना बनाया गया। हो सकता है कि यह संयोग हो लेकिन ऐसा है तो यह कमाल का संयोग है। अगले साल केरल में विधानसभा के चुनाव हैं और उससे पहले सीपीएम को यह मुद्दा मिल गया है, जिससे वह भाषा, संस्कृति और अस्मिता का मुद्दा बना सके। इस घटना के हवाले सीपीएम के नेता भाजपा पर आरोप लगा रहे हैं और उसे मलयाली भाषा और केरल की संस्कृति का विरोधी बता रहे हैं।