Naya India-Hindi News, Latest Hindi News, Breaking News, Hindi Samachar

कांग्रेस और सपा का झगड़ा थम नहीं रहा

मध्य प्रदेश में सीट नहीं छोड़ने के सवाल पर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच जो विवाद शुरू हुआ वह खत्म नहीं हो रहा है। हालांकि कांग्रेस के बड़े नेताओं ने अपनी तरफ से अखिलेश यादव से बात कर ली और अखिलेश ने भी कह दिया कि विवाद खत्म हो गया। लेकिन उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ऐसी राजनीति कर रही है, जिससे सपा नेताओं को नाराज होना स्वाभाविक है। कांग्रेस ने लगातार तीसरा ऐसा दांव चला है, जिससे समाजवादी पार्टी के नेताओं का संदेह बढ़ा है और वे कांग्रेस पर नजर रखने की बात कर रहे हैं। पहला काम तो यह था कि दलित प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी को हटा कर सवर्ण नेता अजय राय को अध्यक्ष बनाया। इस तरह कांग्रेस ने बहुजन समाज पार्टी को एक मैसेज दिया और कहा जा रहा है कि दोनों पार्टियों के बीच तालमेल की बातचीत भी हो रही है। कांग्रेस ने दूसरा काम यह किया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सबसे मजबूत मुस्लिम नेताओं में से एक इमरान मसूद की घर वापसी कराई।

अब तीसरा काम यह हुआ कि अजय राय ने जेल में जाकर आजम खान से मुलाकात की। पिछले दिनों आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले में सात-सात साल की सजा हुई और उसके बाद तीनों को अलग अलग जेल में ले जाकर रखा गया। कांग्रेस अध्यक्ष ने आजम खान को उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा मुस्लिम नेता बताते हुए कहा कि उनके साथ अन्याय हो रहा है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि पता नहीं क्यों समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव अभी तक उनसे मिलने नहीं गए हैं। सो, कांग्रेस की दलित, सवर्ण और मुस्लिम वोट की राजनीति ने समाजवादी पार्टी को कंफ्यूज किया है। उसे लग रहा है कि कांग्रेस स्वतंत्र रूप से राजनीति कर रही है और वह अकेले भी चुनाव लड़ सकती है। सपा के नेता यह भी मान रहे हैं कि कांग्रेस उसके ऊपर दबाव बनाने के लिए यह राजनीति कर रही है ताकि ज्यादा सीटें हासिल कर सके। जो भी हो कांग्रेस नए दम से उत्तर प्रदेश में राजनीति कर रही है। इसके अलावा पांच राज्यों के चुनाव के बाद जाति गणना और आरक्षण के मुद्दे पर भी यूपी में कांग्रेस की राजनीति तेज होगी।

Exit mobile version