Naya India-Hindi News, Latest Hindi News, Breaking News, Hindi Samachar

हिमाचल के नैरेटिव से परेशान कांग्रेस

भारतीय जनता पार्टी हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार नहीं गिरा पाई। उसका ऑपरेशन लोटस विफल हो गया लेकिन लगातार प्रयास से उसने ऐसा नैरेटिव खड़ा कर दिया है, जिसके जाल में कांग्रेस उलझ गए है। वह हिमाचल प्रदेश में अपने को बचाने के प्रयास कर रही है लेकिन उसका पूरे देश में उसको नुकसान हो सकता है। तभी बताया जा रहा है कि कांग्रेस के शीर्ष नेता हिमाचल प्रदेश के घटनाक्रम को लेकर परेशान हैं। अभी सोनिया गांधी का पूरा परिवार हिमाचल में था। प्रियंका गांधी वाड्रा के घर पर सोनिया गांधी छुट्टी मना रही थीं और राहुल भी वहां पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि वहां हिमाचल की स्थिति पर चर्चा हुई और इस बारे में प्रदेश के नेताओं से बातचीत की गई है।

कांग्रेस सरकार की मुश्किल यह है कि राज्य में जहां तहां बन रही अवैध मस्जिदों की वह अनदेखी नहीं कर सकती है क्योंकि भाजपा के साथ साथ विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल की शह पर स्थानीय लोग ऐसी मस्जिदों के खिलाफ सड़क पर उतर रहे हैं। शिमला और मंडी के बाद कुछ और जगहों पर लोगों ने मस्जिदों और खासतौर पर उसमें हो रहे अवैध निर्माण का विरोध किया। अचानक बाहरी लोगों के खिलाफ माहौल बनना शुरू हो गया। कहा जाने लगा कि उत्तर प्रदेश से आकर मुस्लिम हिमाचल में बस रहे हैं और मस्जिद बना रहे हैं। शिमला और मंडी के आंदोलन के बाद कांग्रेस सरकार बैकफुट पर थी और तभी उसने उत्तर प्रदेश सरकार की तर्ज पर खाने पीने की दुकानों पर दुकानदार के नाम लिखने का आदेश दिया।

यह नैरेटिव को बदलने की कोशिश है। कांग्रेस सरकार को लगा कि इससे वह मस्जिद वाले मामले के बरक्स नया नैरेटिव खड़ा कर देगी। हिंदुओं में मैसेज जाएगा कि सरकार तुष्टिकरण की नीति पर नहीं चल रही है। लेकिन मस्जिदों के अवैध निर्माण, बाहरी लोगों के राज्य में आने और कारोबार करने और खाने पीने की दुकानों पर दुकानदार का नाम लिखने के आदेश से जो नैरेटिव बना है कांग्रेस को उस पर पूरे देश में जवाब देना पड़ रहा है। हिमाचल के पीडब्लुडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने मीडिया के सामने इन मुद्दों पर जो बयान दिया और नाम लिखने के फैसले की जानकारी दी उससे बात दूर तक गई। उनका वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हुआ।

इसके बाद सोशल मीडिया में सक्रिय सच्चे झूठे मुस्लिम अकाउंट्स से कांग्रेस के खिलाफ अभियान शुरू हो गया। कांग्रेस को भी भाजपा के जैसा बताया जाने लगा। कांग्रेस की सोशल मीडिया टीम इस नैरेटिव को कंट्रोल करने या इसकी दिशा बदलने में लगी है लेकिन कामयाबी नहीं मिल रही है। इसका पहला असर जम्मू कश्मीर में देखने को मिला है, जहां नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सलाह दी है कि वे जम्मू पर ध्यान केंद्रित करें और कश्मीर घाटी की चिंता छोड़ दें। माना जा रहा है कि जम्मू क्षेत्र में कांग्रेस ज्यादा सीट लड़ रही है इसलिए उमर ने ऐसा कहा लेकिन असली कारण यह है कि हिमाचल प्रकरण से कांग्रेस की साख बिगड़ी है और कांग्रेस के ज्यादा सक्रिय होने से जमात समर्थित कट्टरपंथी उम्मीदवारों को फायदा हो सकता है।

Exit mobile version