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वीआईपी सीटों पर भी मतदान कम

वैसे तो इस बार के लोकसभा चुनाव का खास ट्रेंड यह दिख रहा है कि हर जगह मतदान में या तो पिछली बार के मुकाबले कमी आ रही है या उसके आसपास मतदान हो रहा है। लेकिन हैरानी की बात है कि जिन सीटों पर पार्टियों के बड़े नेता चुनाव लड़ रहे हैं या पार्टियों ने ग्लैमर का तड़का लगाने के लिए फिल्मी सितारों आदि को उतारा है उन सीटों पर भी मतदान करने में लोगों ने ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई है। दूसरे चरण की 88 सीटों में से ज्यादातर वीआईपी सीटों पर औसत से कम या पिछली बार से कम मतदान हुआ है। यह ट्रेंड केरल से लेकर उत्तर प्रदेश तक एक समान रूप से देखने को मिला है।

केरल की तिरुवनंतपुरम सीट को बहुत हाई प्रोफाइल माना जा रहा है कि क्योंकि कांग्रेस के शशि थरूर लगातार चौथी बार जीतने के लिए लड़ रहे हैं तो भाजपा ने केंद्रीय मंत्री और कारोबारी राजीव चंद्रशेखर को लड़ाया है। लेकिन 2019 के 74 फीसदी के मुकाबले 2024 में सिर्फ 64 फीसदी मतदान हुआ। इसी तरह मेरठ में भाजपा ने रामायण सीरियल में राम की भूमिका निभाने वाले अरुण गोविल को उतारा है। लेकिन वहां 2019 के 64.29 के मुकाबले 2024 में 59 फीसदी मतदान हुआ। राहुल गांधी की वायनाड सीट पर 73 फीसदी से कुछ ज्यादा वोट हुआ, जबकि 2019 में, जब राहुल गांधी पहली बार वहां चुनाव लड़ने पहुंचे थे तब वहां 80.37 फीसदी मतदान हुआ था। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की जोधपुर सीट पर 2019 में 69 फीसदी वोट हुआ था, जबकि इस बार 64 फीसदी मतदान हुआ है। मथुरा में भाजपा की हेमामालिनी की सीट पर तो 2019 के मुकाबले करीब 14 फीसदी वोट कम पड़े हैं। वहां सिर्फ 49 फीसदी मतदान हुआ है, जबकि पिछली बार 63 फीसदी के करीब वोट पड़े थे।

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