प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संघ से दुरी की कहानियां अब समाप्त हो जानी चाहिए। क्योंकि दोनों के बीच भरपूर सद्भाव दिख रहा है। मोदी ने संघ के प्रति संपूर्ण निष्ठा का प्रदर्शन किया है। उन्होंने राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ की स्थापना के शताब्दी वर्ष के समारोह में संघ प्रमुख मोहन भागवत के भाषण के बाद जम कर उसकी तारीफ की। उन्होंने कहा कि संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत का भाषण प्रेरणादायक था। मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘मोहन भागवत का संबोधन प्रेरणादायक है। उन्होंने राष्ट्र निर्माण में संघ के समृद्ध योगदान पर प्रकाश डाला व हमारी भूमि में गौरव की नई ऊंचाइयों को हासिल करने की अंतर्निहित क्षमता पर बल दिया’। मोदी ने यह भी लिखा कि इससे सिर्फ भारत को नहीं, बल्कि पूरे विश्व को लाभ होगा।
यह तो विजयादशमी के दिन के भाषण पर मोदी की टिप्पणी थी। लेकिन उससे एक दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी संघ के शताब्दी वर्ष से जुड़े समारोह में शामिल हुए, जहां संघ के नंबर दो पदाधिकारी दत्तात्रेय होसबाले भी मौजूद थे। वहां भी मोदी ने संघ की जम कर तारीफ की और संघ के सम्मान में प्रतीक चिन्ह के रूप में सौ रुपए का एक सिक्का जारी किया। इस समारोह में मोदी ने कहा कि संघ के ऊपर अनेक हमले हुए लेकिन कभी संघ में कटुता नहीं आई। उन्होंने राष्ट्र निर्माण में संघ की भूमिका रेखांकित की। इससे पहले 11 सितंबर को संघ प्रमुख मोहन भागवत के 75 साल का होने पर अखबारों में लेख लिख कर उनकी प्रशंसा की। मोदी ने सभी संघ प्रमुखों को महान बताते हुए मोहन भागवत को सबसे विशिष्ट बताया। गौरतलब है कि रिटायर होने की 75 साल की सीमा पर चल रही बहस इससे पहले ही सुलझ चुकी थी।